Bangladesh News: बांग्लादेश में छात्र नेताओं के नेतृत्व में होने वाले विद्रोह के बाद शेख हसीना की सरकार गिर गई थी। इसके गिरने के 9 महीने के बाद बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल हामिद चुपचाप देश से भाग गए हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक वह लुंगी पहनकर, रात के अंधेरे में व्हीलचेयर पर बैठकर एयरपोर्ट से भाग गए।
ढाका पोस्ट के अनुसार, हामिद गुरुवार को सुबह 3.05 बजे अपनी पत्नी, भाई और बहनोई के साथ थाई एयरवेज की फ्लाइट में सवार हुए। एक समय में शक्तिशाली रहे राष्ट्रपति की साधारण लुंगी पहने हुए फोटो वायरल हो गई है। हामिद ने बांग्लादेश में दो बार राष्ट्रपति का पद संभाला है। वह कथित तौर पर हत्या के आरोप का सामना कर रहे हैं।
एयरपोर्ट के अधिकारी ने क्या बताया?
एयरपोर्ट के अधिकारी ने बताया, ‘संविधान के अनुच्छेद 34 और 102 के अनुसार, किसी भी बांग्लादेशी नागरिक को यात्रा करने से तब तक नहीं रोका जा सकता जब तक कि अदालत की ओर से कोई विशेष प्रतिबंध न हो। हमें उस पर प्रतिबंध लगाने के लिए कोई निर्देश नहीं मिले हैं। किसी भी मामले में उसे हिरासत में लेने या गिरफ्तार करने के लिए पुलिस की ओर से कोई आग्रह या आवेदन नहीं किया गया था।
भारत को पसंद नहीं आया बांग्लादेश का ये फैसला
यूनुस सरकार ने जांच के लिए बनाई कमेटी
समाचार एजेंसी यूनाइटेड न्यूज ऑफ बांग्लादेश के अनुसार, मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल हामिद के थाईलैंड चले जाने की जांच के लिए शिक्षा सलाहकार सीआर अबरार के नेतृत्व में एक हाई लेवल कमेटी का गठन किया है। इस समिति को 15 दिन के अंदर रिपोर्ट जमा करने के निर्देश दिए गए हैं। इसमें कमेटी यह जांच करेगी कि बुधवार को हामिद हजरत शाहजलाल इंटरनेशल एयरपोर्ट से देश से बाहर कैसे गए। क्या संबंधित अधिकारियों द्वारा कोई लापरवाही या कर्तव्य में चूक हुई थी।
अवामी लीग पार्टी से सांसद भी थे अब्दुल हामिद
बांग्लादेश के राष्ट्रपति बनने से पहले अब्दुल हामिद हसीना की अवामी लीग पार्टी से सांसद थे। दरअसल, उन्होंने अपनी राजनीतिक यात्रा अवामी लीग की स्टूडेंट विंग से शुरू की थी। अक्टूबर 2024 में युनूस की अंतरिम सरकार ने छात्र लीग पर प्रतिबंध लगा दिया है। हामिद का घर उन घरों में से एक था, जिसे फरवरी के महीने में गिरा दिया गया था। यहां तक कि शेख मुजीबुर रहमान के धनमंडी 32 स्थित घर को भी नष्ट कर दिया गया था। बड़ी उम्मीदें लेकर ढाका गए थे पाकिस्तानी अधिकारी