बांग्लादेश में उस्मान हादी की हत्या के बाद से हिंसा का दौर लगातार जारी है। बीते कुछ दिनों में देश के अलग-अलग शहरों से आगजनी और पत्थरबाज़ी की घटनाएं सामने आई हैं। इस बीच उस्मान हादी की हत्या को लेकर कई नई जानकारियां भी सामने आई हैं।

पुलिस के मुताबिक, उस्मान हादी की हत्या फैसल करीम मसूद और उसके सहयोगी आलमगीर ने की थी। बताया जा रहा है कि दोनों बांग्लादेश के एक प्रतिबंधित छात्र संगठन की राजनीति से जुड़े रहे हैं। बांग्लादेश पुलिस के अनुसार, इस हत्याकांड के बाद अब तक करीब एक दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

उस्मान हादी को किसने मारा?

इस मामले में सबसे अहम बात यह है कि पुलिस ने मुख्य आरोपी फैसल करीम मसूद के परिवार के कई सदस्यों को भी हिरासत में लिया है। इनमें उसके पिता, मां, पत्नी और साला शामिल हैं। इसके अलावा मसूद की कथित प्रेमिका से भी पुलिस इस समय पूछताछ कर रही है।

हालांकि, इतने लोगों की गिरफ्तारी के बावजूद मुख्य आरोपी फैसल करीम मसूद को लेकर अभी तक कोई ठोस जानकारी सामने नहीं आई है। यह भी स्पष्ट नहीं हो पाया है कि फैसल इस समय बांग्लादेश में मौजूद है या देश छोड़कर फरार हो चुका है।

क्या फैसल करीम भाग गया?

रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान Khandaker Rafiqul Islam ने कहा कि फिलहाल फैसल की आखिरी लोकेशन को लेकर पुलिस के पास कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। उन्होंने बताया कि सुरक्षा एजेंसियां उसकी तलाश में जुटी हुई हैं, लेकिन अभी तक ऐसा कोई संकेत नहीं मिला है जिससे यह साबित हो सके कि वह देश से बाहर भाग चुका है।

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प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि कई बार अपराधी खुद को बचाने के लिए जानबूझकर झूठी अफवाहें फैलाते हैं।

वहीं, Dhaka Tribune की रिपोर्ट के मुताबिक, अभी तक यह साबित नहीं हो पाया है कि उस्मान हादी की हत्या में किसी राजनीतिक दल की प्रत्यक्ष भूमिका थी।

कौन था उस्मान हादी?

12 दिसंबर को ढाका के पलटन इलाके में ऑटो रिक्शा से आए अज्ञात हथियारबंद लोगों ने उस्मान हादी पर गोलियां चला दी थीं। गंभीर रूप से घायल हालत में उसे ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी स्थिति लगातार नाजुक बनी रही। कुछ दिनों तक इलाज के बाद जब उसकी हालत में सुधार नहीं हुआ, तो शनिवार को उसे एयरलिफ्ट कर सिंगापुर भेजा गया। हालांकि सिंगापुर में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। उस्मान हादी की मौत के बाद बांग्लादेश में हिंसा का एक नया दौर शुरू हो गया।

इंकलाब मंच की क्या कहानी?

जानकारी के मुताबिक, शरीफ उस्मान हादी ‘इंकलाब मंच’ का प्रवक्ता था और उसे इस संगठन का संस्थापक सदस्य भी माना जाता है। अगर इंकलाब मंच के इतिहास पर नजर डालें, तो यह संगठन दक्षिणपंथी राजनीतिक गतिविधियों से प्रेरित रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ शुरू हुए छात्र आंदोलन में भी इंकलाब मंच और उस्मान हादी की अहम भूमिका बताई जाती है। उस्मान हादी समय-समय पर अपने भारत विरोधी बयानों को लेकर चर्चा में रहा। इसी साल जुलाई में उसने शेख हसीना की पार्टी को बैन करने की मांग भी उठाई थी।

उस्मान हादी के भारत विरोधी रुख का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि उसने कुछ समय पहले ‘ग्रेटर बांग्लादेश’ का एक नक्शा तैयार किया था। इस नक्शे को लेकर सबसे बड़ा विवाद यह था कि इसमें भारत के कुछ हिस्सों को भी बांग्लादेश का हिस्सा दिखाया गया था।

उस्मान हादी की विचारधारा

राजनीतिक जानकारों के अनुसार, उस्मान हादी लोकतंत्र से ज्यादा इस्लामी न्याय व्यवस्था पर विश्वास करता था। उसका मानना था कि गलत करने वालों को सख्त सजा मिलनी चाहिए। यही विचारधारा बांग्लादेश के युवाओं के एक बड़े वर्ग में तेजी से लोकप्रिय हो रही थी, क्योंकि उन्हें लगता था कि लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के जरिए उन्हें न्याय नहीं मिल पा रहा है।

अपनी बढ़ती लोकप्रियता के चलते उस्मान हादी ने अगले साल फरवरी में होने वाले आम चुनाव लड़ने का भी ऐलान किया था। उसने कहा था कि वह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में उतरेगा।

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