Monkeypox: अफ्रीकी देशों में तेजी से बढ़ते मंकीपॉक्स के मामलों ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की परेशानी बढ़ा दी है। इससे अब तक 500 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। WHO ने इसे दुनियाभर के लिए हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनोम टेड्रोस ने कहा कि पूर्वी डीआरसी में मंकी पॉक्स के नए क्लेड का तेजी से फैलना और पहचान होना, ऐसे पड़ोसी देशों में इसका मिलना जहां पहले कभी इसके मरीज न मिले हों, यह अफ्रीका समेत पूरी दुनिया के लिए चिंता बढ़ाने वाली बात है।

कहां आ रहे मंकी पॉक्स से सबसे अधिक मामले

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक अफ्रीकी देश कांगो, बुरुंडी, केन्या, रवांडा और युगांडा समेत अन्य देशों में इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। अफ्रीका के अन्य हिस्सों में मंकीपॉक्स प्रकोप को स्वास्थ्य संबंधी वैश्विक आपातस्थिति घोषित कर दिया है। डब्ल्यूएचओ ने यह घोषणा इसलिए की है क्योंकि एक दर्जन से अधिक देशों में बच्चों और वयस्कों में मंकीपॉक्स के मामलों की पुष्टि हुई है और वायरस का एक नया स्वरूप फैल रहा है तथा महाद्वीप में टीके की खुराकें बहुत कम उपलब्ध हैं।

3 साल में दूसरी बार मंकीपॉक्स आपातकाल घोषित

बता दें कि इससे पहले जुलाई 2022 में इसे वैश्विक आपातकाल घोषित किया गया था। तब दुनियाभर के 116 देशों में इसके एक लाख से अधिक मामले सामने आए थे। तब इससे 200 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। अकेले कांगो इसके 14 हजार से अधिक मामले सामने आए। इससे महिलाएं और 15 वर्ष से कम आयु के बच्चों को सबसे ज्यादा खतरा होता है। अफ्रीका के प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य प्राधिकरण ने वायरल संक्रमण के तेजी से फैलने का हवाला देते हुए महाद्वीप के लिए एमपॉक्स आपातकाल घोषित किया गया।

क्या होते हैं मंकी पॉक्स के लक्षण?

मंकी पॉक्स या Mpox एक वायरल संक्रमण है जो आमतौर पर निकट संपर्क के माध्यम से फैलता है। इसमें सामान्य तौर पर हल्का बुखार होता है। हालांकि कुछ मामलों में यह घातक भी हो सकता है। इसके लक्षणों में फ्लू जैसी बीमारी और मवाद से भरे घावों का होना शामिल है। इससे सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द के साथ त्वचा पर दर्दनाक फोड़े हो सकते हैं। ये त्वचा से त्वचा के संपर्क में आने से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता। एमपॉक्स के लक्षण आमतौर पर वायरस के संपर्क में आने के 7-14 दिन बाद दिखाई देते हैं। हालांकि अलग- अलग लोगों में इसके अलग-अलग लक्षण हो सकते हैं।