Israel Strike Iran: इजरायल ने ईरान के कई परमाणु ठिकानों पर हमला किया है। जिससे पूरी दुनिया में अफरा-तफरी का माहौल है। दुनियाभर के शेयर बाजार का सेंसेक्स टूट गया। वहीं परमाणु संयंत्रों पर इजरायल के हमले के बाद ईरान ने पलटवार किया है। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने कहा कि हमारे देश पर हमले की इस्राइल को कड़ी सजा भुगतनी पड़ेगी।

खामेनेई ने कहा कि ईरान पर हमले की इस्राइल को कड़ी सजा भुगतनी पड़ेगी। इस्राइल के हाथ खून से सने हैं। उसने हमारे देश में अपराध किया है। आवासीय केंद्रों पर हमला करके इजरायल ने अपनी दुर्भावना उजागर कर दी है। इसका करारा जवाब दिया जाएगा।

शुक्रवार की सुबह इजरायली हमलों ने ईरान के सैन्य और परमाणु नेतृत्व को दशकों में सबसे गंभीर झटका दिया, जिसमें देश के कई शीर्ष सैन्य कमांडर,परमाणु वैज्ञानिक और राजनीतिक हस्तियां मारी गईं। ईरानी सरकारी मीडिया, वरिष्ठ अधिकारियों और न्यूयॉर्क टाइम्स और एसोसिएटेड प्रेस सहित अंतरराष्ट्रीय समाचार आउटलेट्स ने मौतों की पुष्टि की।

इजरायल हमलों में मारे गए प्रमुख लोग इस प्रकार हैं-

मेजर जनरल मोहम्मद बाघेरी (Major General Mohammad Bagheri): ईरान के सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ

बाघेरी ईरान में सर्वोच्च रैंक वाले सैन्य अधिकारी थे। उन्होंने नियमित सेना और इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) दोनों की देखरेख की। ईरान-इराक युद्ध के अनुभवी बाघेरी को एक शीर्ष सैन्य रणनीतिकार और खुफिया विशेषज्ञ माना जाता था।

2016 में चीफ ऑफ स्टाफ के पद पर नियुक्त होने के बाद उन्होंने इंजीनियरिंग और राजनीतिक भूगोल में शैक्षणिक डिग्रियां हासिल कीं।

कथित तौर पर वह तेहरान में एक सटीक इज़रायली हवाई हमले के दौरान मारा गए, जो ईरान के सैन्य और परमाणु बुनियादी ढांचे पर व्यापक हमले का हिस्सा था। ईरानी सरकारी मीडिया ने उसकी मौत की पुष्टि की, हालांकि ईरान के सशस्त्र बलों की ओर से तत्काल कोई स्वीकृति नहीं मिली।

जनरल हुसैन सलामी (General Hossein Salami): IRGC के कमांडर-इन-चीफ

ईरान के सबसे शक्तिशाली सैन्य बल, रिवोल्यूशनरी गार्ड के प्रमुख के रूप में सलामी ने सीरिया, लेबनान और इराक सहित मध्य पूर्व में विदेशी अभियानों में केंद्रीय भूमिका निभाई। वह अपने आक्रामक इजरायल विरोधी बयानबाजी और संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रति धमकियों के लिए जाने जाते थे।

2019 में अयातुल्ला खामेनेई द्वारा नियुक्त सलामी का नेतृत्व अमेरिका द्वारा परमाणु समझौते से हटने के बाद बढ़े तनाव के समय में हुआ। ईरान फ्रंट पेज के अनुसार , 2020 में अमेरिका द्वारा कुद्स फोर्स के प्रमुख कासिम सुलेमानी की हत्या के बाद सलामी ने चेतावनी दी थी, “यदि आप किसी ईरानी के सिर के एक बाल को भी नुकसान पहुंचाते हैं, तो ईरानी सेना उसे करारा जवाब देगी।” ईरानी सरकारी टेलीविजन और इज़रायली सूत्रों ने उनकी मृत्यु की पुष्टि की है।

जनरल घोलामाली रशीद (General Gholamali Rashid): ईरान की सशस्त्र सेनाओं के उप कमांडर-इन-चीफ

राशिद एक प्रमुख सैन्य रणनीतिकार और ख़तम-अल-अंबिया केंद्रीय मुख्यालय के प्रमुख थे, जो ईरान की नियमित सेना, आईआरजीसी, खुफिया सेवाओं और मिसाइल डिवीजनों के बीच संचालन का कोआर्डिनेशन करता है।

क्या ईरान के परमाणु ठिकानों पर इजरायल के हमले से विस्फोट या रेडियोएक्टिव लीक हो सकता है?

उन्हें व्यापक रूप से ईरान की क्षेत्रीय रणनीतियों और ड्रोन युद्ध क्षमताओं के पीछे का मास्टरमाइंड माना जाता था। ईरानी सरकारी मीडिया ने पुष्टि की कि वह उसी हमले में मारे गए, जिसमें अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को निशाना बनाया गया था।

अली शामखानी (Ali Shamkhani): पूर्व नौसेना कमांडर

शमखानी ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के पूर्व सचिव और अयातुल्ला खामेनेई के करीबी सहयोगी थे। उन्होंने ईरान की परमाणु कूटनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ बैकचैनल वार्ता का नेतृत्व किया। उत्तरी तेहरान में अपने पेंटहाउस अपार्टमेंट पर मिसाइल हमले में गंभीर रूप से घायल होने के बाद उनकी मृत्यु हो गई।

वैज्ञानिक भी मारे गए

फेरेदून अब्बासी-दावानी (Fereydoun Abbasi-Davani): परमाणु वैज्ञानिक और पूर्व परमाणु ऊर्जा प्रमुख अब्बासी ईरान के शीर्ष परमाणु भौतिकविदों में से एक थे और ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन के पूर्व प्रमुख थे। वे 2010 में एक पूर्व हत्या के प्रयास में बच गए थे और ईरान के परमाणु हथियार अनुसंधान में एक प्रमुख व्यक्ति थे।

मोहम्मद मेहदी तेहरांची (Mohammad Mehdi Tehranchi): भौतिक विज्ञानी और परमाणु सलाहकार तेहरांची, एक शिक्षाविद और भौतिक विज्ञानी थे, वे ईरान के परमाणु कार्यक्रम से निकटता से जुड़े थे और कथित तौर पर यूरेनियम संवर्धन के लिए रणनीतिक प्रौद्योगिकी पर सलाह देते थे।

बता दें, यह सभी हत्याएं हत्याएं ईरान और इज़रायल के बीच बढ़ते संघर्ष के बीच हुई हैं, जिसमें इज़रायल की सेना ने पुष्टि की है कि समन्वित हमले का उद्देश्य ईरान की रणनीतिक और परमाणु कमान को बाधित करना था। वहीं ईरानी अधिकारियों ने जवाबी कार्रवाई की कसम खाई है। जिससे दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है। वहीं ईरान के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन पर आईडीएफ के प्रवक्ता ने कहा कि हम ईरानी शासन को परमाणु हथियार हासिल करने की इजाजत नहीं दे सकते हैं। पढ़ें…पूरी खबर।