मई के पहले हफ्ते में यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमिर जेलेंस्की ने जी-7 देशों से अपील की थी कि रूस से मुकाबले के लिए उनकी सेना को MLRS की जरूरत है। उनका कहना था कि यूक्रेन की सेना को M142 HIMARS औप M270 MLRS रॉकेट सिस्टम चाहिए। तभी वो पुतिन की सेना को मुंहतोड़ जवाब दे सकते हैं। फिलहाल उनकी इस मांग को पूरा करते हुए अमेरिका ने उन्हें ये सिस्टम देने पर सहमति दी है।
रूस यूक्रेन के बीच युद्ध को शुरू हुए तीन महीने से भी अधिक का समय हो गया है। रूसी सेना यूक्रेन पर ताबड़तोड़ हमले करने में लगी है। लेकिन यूक्रेन की सेना हथियार डालने के मूड़ में नहीं दिख रही। जेलेंस्की मजबूती से डटे हुए हैं। ऐसे में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने 700 मिलियन डॉलर के नए हथियार पैकेज के रूप में यूक्रेन को नया मिसाइल सिस्टम देने पर सहमति जताई है। माना जा रहा है कि नया अमेरिकी हथियार यूक्रेन में गेम-चेंजर साबित होगा।
उधर, यूके ने M270 MLRS रॉकेट सिस्टम यूक्रेन को देने पर सहमति जताई है। ये सिस्टम 60 सेकेंड के भीतर 12 जमीन से जमीन पर मार करने वाले रॉकेट दाग सकता है। इसकी मार 80 किमी तक है। अमेरिका ने इस सिस्टम का इस्तेमाल ईराक और अफगानिस्तान के खिलाफ युद्ध में किया था। इसे अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने तैयार किया है।
अमेरिका ने यूक्रेन से वायदा किया है कि वो उसे M142 HIMARS देने जा रहा है। ये तेजी से एक जगह से दूसरी जगह पर ले जाया जा सकता है। 40 किमी दूर तक इसकी मारक क्षमता है। ये सप्लाई प्वाइंट या फ्यूल के डिपो को भी निशाना बना सकते हैं। खास बात है कि रूस ने यूक्रेन से लड़ाई में आर्टिलरी तैनात कर रखी हैं। उनके खिलाफ यूके व यूएस का ये सिस्टम बेहद कारगर साबित हो सकता है।
अमेरिका की ओर से दिए जा रहे सिस्टम की मारक क्षमता 80 किमी होगी। इनकी क्षमता M777 Howitzers की रेंज से करीब दोगुनी है। HIMARS की हर यूनिट में छह जीपीएस गाइडेड रॉकेट लोड हो सकते हैं जिसे रीलोड करने में करीब एक मिनट का समय लगता है। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि अमेरिका की तरफ से यूक्रेन को कितने रॉकेट सिस्टम दिए जाएंगे। अमेरिका ने HIMARS (M142 हाई मोबिलिटी आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम) को 1990 के देशक के अंत में अपनी सेना के लिए विकसित किया था।