भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) जुलाई में फ्रांस दौरे पर रहेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 जुलाई को पेरिस में इस साल के ‘बैस्टिल डे परेड’ (Bastille Day Parade) में विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल होंगे। विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs) ने शुक्रवार को इसकी घोषणा की। विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में यह भी कहा कि एक भारतीय सशस्त्र बल की टुकड़ी भी अपने फ्रांसीसी समकक्षों के साथ परेड में भाग लेगी।

विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया, “भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने इस वर्ष के बैस्टिल डे परेड में विशिष्ट अतिथि के रूप में भाग लेने के लिए फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन (French President Emmanuel Macron) के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है। प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा से भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी के अगले चरण की शुरुआत होने की उम्मीद है, जिसमें रणनीतिक, सांस्कृतिक, वैज्ञानिक, शैक्षणिक और आर्थिक सहयोग के लिए नए और महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं।”

बयान में यह भी कहा गया, “भारत और फ्रांस की शांति और सुरक्षा पर एक साझा दृष्टि है विशेष रूप से दोनों देश यूरोप और भारत-प्रशांत क्षेत्र में और संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के उद्देश्यों और सिद्धांतों को बनाए रखते हैं, जो भारत-प्रशांत क्षेत्र में उनके सहयोग का आधार भी हैं। यह ऐतिहासिक यात्रा हमारे समय की प्रमुख चुनौतियों का जवाब देने के लिए आम पहल भी प्रदान करेगी। इसमें जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता हानि और सतत विकास लक्ष्यों की उपलब्धि शामिल है।”

वहीं फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने पीएम मोदी के दौरे को लेकर ख़ुशी जताई है। उन्होंने पीएम मोदी के साथ अपनी एक तस्वीर शेयर करते हुए ट्वीट कर कहा, “प्रिय नरेंद्र, 14 जुलाई की परेड के सम्मानित अतिथि के रूप में पेरिस में आपका स्वागत कर मुझे बहुत खुशी होगी।”

क्यों मनाया जाता है बैस्टिल डे परेड, जानिए

14 जुलाई 1789 को फ्रांस के सैन्य किले और जेल के रूप में मशहूर बैस्टिल पर गुस्साई भीड़ ने हमला कर उस पर कब्जा कर लिया था। इस घटना को फ्रांसिसी क्रांति की शुरुआत माना जाता है। इस घटना की वजह से ही साल 1880 से हर साल 14 जुलाई को फ्रांस में बैस्टिल डे परेड मनाया है। इस दौरान पेरिस में सैन्य परेड निकाली जाती है और आतिशबाजी भी की जाती है। इस दिन को फ्रांस के इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक माना जाता है। इस बार इस समारोह पर फ्रांस की ओर से पीएम मोदी को निमंत्रण भेजा गया और उसे स्वीकार कर लिया।