Hamas Chief Yahya Sinwar: इजरायल ने गुरुवार को याह्या सिनवार को मार गिराया। यह बीते एक साल से चल रहे युद्ध की एक बेहद ही अहम घटना है। सिनवार 2017 से हमास का एक खास शख्स था। वह हमास के मिलिट्री ऑपरेशन का इंचार्ज भी था। बीते साल 7 अक्तूबर को इजरायल में हुए हमलों का मास्टरमांइड भी याह्या सिनवार को ही माना जाता है। सिनवार को ढेर करना इजरायल का पहला मकसद रहा है।

सिनवार हमास के लिए क्यों जरूरी था?

सिनवार हमास में सबसे शक्तिशाली शख्स था। इजरायल द्वारा हमास के राजनीतिक ब्यूरो के प्रमुख इस्माइल हनीयाह और सैन्य कमांडर मोहम्मद डेफ जैसे लोगों की मौत के बाद सिनवार ही सभी फैसले लेने वाला अकेला व्यक्ति बचा था। वह इजरायल के ज्यादा से ज्यादा लोगों को मारने के साथ में और भी ज्यादा मजबूत हो गया। इजरायल के टारगेटों की लिस्ट में सिनवार का नाम सबसे पहले ही था। सिनवार गाजा में ही रहा और मिलिट्री ऑपरेशन को चलाता रहा। आखिरकार वह जमीनी लड़ाई में मारा गया।

सिनवार को 22 साल से ज्यादा की कैद के बाद में साल 2011 में इजरायली जेल से रिहा किया गया था। वह साल 1980 के दशक में दो इजरायली सैनिकों और 12 फिलिस्तीनी सहयोगियों की हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा काट रहा था। वह इजरायल की जेल से रिहा होने वाला सबसे हाईप्रोफाइल शख्स था। साल 2017 में वह हमास का पॉलिटिकल चीफ बन गया। वह मिस्त्र के साथ में खराब हुए संबंधों को बहाल करने के लिए काम करने लगा। ईरान ने हमास को संरक्षण दिया।

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सिनवार की मौत हमास के खात्मे की तरफ इशारा कर रही है?

इसके दोनों ही जवाब हो सकते हैं। हां भी ना भी। सिनवार की हैसियत को देखते हुए उसकी मौत से हमास में एक शून्य सा पैदा हो गया है। खालिद मशाल को उसकी जगह पर मुखिया बनाया गया है। उसकी छवि भी काफी मजबूत है, लेकिन वह सिनवार के जैसी वफादारी के लिए नहीं जाना जाता है। हमास को दोबारा खड़ा होने के लिए काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। ऐसा कहा जा रहा है कि हमास को अभी भी धरती से खत्म करना बाकी है। इजरायल के पीएम नेतन्याहू ने वादा किया है। कुछ एक्सपर्ट का मानना है कि गाजा में संघर्ष आने वाले दिनों में इजरायल के लिए काफी मुश्किल भरा होने वाला है।

अरब खाड़ी राज्य संस्थान के वरिष्ठ रेजिडेंट स्कॉलर हुसैन इबिश ने पीबीएस के साथ एक इंटरव्यू में कहा कि सिनवार की मौत का मतलब यह नहीं कि हमास का अंत है। इसका मतलब राफा अभियान के अंत के बाद गाजा में हो रहे संघर्ष का अंत भी नहीं है।

क्या सिनवार की मौत का मतलब इजरायल की जीत?

सिनवार को ढेर करना इजरायल के मिलिट्री ऑपरेशन का सबसे पहला मकसद था और गुरुवार को यह कामयाबी एक मील का पत्थर है। भले ही हमास लड़ाई जारी रखने में सफल हो जाए। नेतन्याहू ने सिनवार की मौत की पुष्टि करते हुए कहा, “आज हमने एक बार फिर साफ कर दिया है कि हमें नुकसान पहुंचाने वालों के साथ क्या होता है। आज हमने एक बार फिर दुनिया को बुराई पर अच्छाई की जीत दिखाई है।”

सिनवार की मौत युद्ध विराम के लिए एक रास्ता खोल सकती है। इजरायली होस्टेज की वापसी भी शायद हो सकती है। सिनवार को हमास के साथ में बातचीत के तौर पर सबसे बड़ी परेशानी के तौर पर देखा गया था। वह इजरायल का टारगेट था। होस्टेज को वापस लाना इजरायल के लिए राजनीतिक तौर पर भी काफी जरूरी है। होस्टेज के परिवारों की तरफ से लागातार उन्हें विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ा है। ज्यादातर एक्सपर्ट का मानना है कि इजरायल सिनवार की मौत से मिले अवसर का इस्तेमाल होस्टेज की रिहाई के लिए बातचीत करने में करेगा।

संघर्ष जल्दी खत्म होने के आसार?

गुरुवार को नेतन्याहू ने घोषणा की कि “मेरे प्यारे दोस्तों, युद्ध अभी खत्म नहीं हुआ है”। कई लोगों का मानना ​​है कि अगर हमास होस्टेज के समझौते पर मान भी जाता है तो वह केवल अपने राजनीतिक अस्तित्व को बचाए रखने के लिए लड़ाई जारी रखना चाहेगा। वह आगे बढ़ने के लिए पूर्ण विजय के टारगेट का इस्तेमाल कर सकते हैं। उसके दूर-दराज के सहयोगी इस नीति का समर्थन करेंगे। अब इसमें यह भी देखने वाली बात होगी कि अमेरिका की इसमें क्या भूमिका होगी। राष्ट्रपति जो बाइडेन ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सिनवार की मौत से शांति का रास्ता तलाशने का मौका मिलेगा। गाजा में हमास के बिना काफी बेहतर भविष्य होगा।