यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने रूस की ओर से किए जा रहे हमलों पर बयान दिया है। यूक्रेनी राष्ट्रपति ने रात भर और सुबह-सुबह की गई बमबारी की निंदा करते हुए कहा कि अबतक 100 से ज़्यादा मिसाइलें दागी जा चुकी हैं। इन हमलों से यूक्रेन को काफी नुकसान हुआ है। यूक्रेन के एनर्जी इन्फ्रास्ट्रक्चर पर काफी प्रभाव पड़ा है। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने बताया कि हमले आधी रात के आसपास शुरू हुए और सुबह तक जारी रहे।
खार्किव, कीव, ओडेसा और पश्चिमी क्षेत्रों सहित कई यूक्रेनी क्षेत्रों को निशाना बनाकर ये हमले किए गए थे। माना जा रहा है कि जेलेंस्की ने बताया कि हमलों का मकसद देश के इन्फ्रास्ट्रक्चर को नुकसान पहुंचाना था, जैसा हुआ भी है।
प्रधानमंत्री ने क्या कहा?
यूक्रेन के प्रधानमंत्री डेनिस श्म्यहाल ने पुष्टि की कि रूस की ओर से किए गए इन हमलों ने देश के आधे से ज़्यादा हिस्से यानी 15 क्षेत्रों को निशाना बनाया। रूसी सेना ने ड्रोन, क्रूज मिसाइल और हाइपरसोनिक किंजल मिसाइलों का इस्तेमाल किया। कीव में हुए धामकों से बिजली गुल हो गई और आम लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। स्थानीय अधिकारियों ने कम से कम चार मौतों की पुष्टि की है।
इन्फ्रास्ट्रक्चर पर गहरा असर
रूस की ओर से किए गए हमलों के रहते यूक्रेन में नागरिक बुनियादी ढांचे को काफी नुकसान हुआ और रिहाइशी इलाकों में ब्लैकआउट के हालात बन गए। सुमी के 194 बस्तियों में पूरी तरह ब्लैकआउट हुआ। यूक्रेन की निजी ऊर्जा कंपनी, DTEK ने आपातकालीन ब्लैकआउट की घोषणा की और बिजली बहाल करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रही है। हालात काफी खराब होने की स्थिति में जल्द बिजली बहाल करने के लिए कई टीमें काम कर रही हैं। इस बीच बेलारूस को लेकर भी चर्चा जारी है।
बेलारूस की ओर से भी यूक्रेन पर हमले किए जा सकते हैं। खबरें हैं कि बेलारूसी सेना को यूक्रेन ने चेताया है कि वह अपने सैनिकों को उसकी सीमा से वापस बुलाए। यूक्रेनी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि बेलारूस मॉस्को के दबाव में किसी भी तरह का स्टेप ना ले वरना उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। बेलारूस को पुतिन का करीबी माना जाता है और यह पूरा मामला रूस के साथ मिलकर यूक्रेन को दो तरफा घेरने की प्लानिंग के तहत देखा जा रहा है।