रूस के मॉस्को में एक टूर्नामेंट के दौरान शतरंज खेलने वाले रोबोट ने सात साल के एक लड़के की उंगली तोड़ दी थी। लड़के का नाम क्रिस्टोफर है। यह घटना 19 जुलाई को मास्को शतरंज ओपन टूर्नामेंट में हुई थी।

रशियन चेस एसोसिएशन के वाइस प्रेसीडेंट सर्गेई स्मागिन ने न्यूज वीक को बताया कि रोबोट ने लड़के की उंगली तोड़ी है। वह लड़का तय समय से अपने अपनी चाल चलने लगा। तब रोबोट के चाल चलने की बारी थी। उन्होंने कहा कि ऐसा बहुत कम मौकों पर होता है, मेरी याद में ऐसा पहली बार हुआ है।

स्मागिन ने बच्चे की चोट पर कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है। वह चोट लगने के बाद भी खेलने, साइन करने और सेरेमनी में हिस्सा लेने में सक्षम था।

आयोजन स्थल के अंदर से एक वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें देखा जा सकता है कि क्रिस्टोफर रोबोट के चाल चलने से पहले अपनी चाल चल रहे हैं। कुछ देर बाद ऐसा लगता है कि उनकी अपनी उंगली रोबोट के हाथ में फंस गई है। इतने में पास खड़े कुछ लोग लड़के की उंगली को रोबोट से छुड़ाने का प्रयास करते हैं।

आउटलेट के अनुसार, सात वर्षीय लड़के की पहचान क्रिस्टोफर के रूप में हुई है। वह मॉस्को में नौ साल तक की उम्र के 30 सबसे मजबूत शतरंज खिलाड़ियों में से एक है। घटना के बाद उसकी उंगली में फ्रैक्चर हो गया और खरोंच आ गई।

रूसी मीडिया के अनुसार बच्चे के माता-पिता ने मॉस्को अभियोजक के कार्यालय से संपर्क करने का फैसला किया है, लेकिन अधिकारियों ने कहा है कि शतरंज महासंघ इसे सुलझाएगा और हर तरह से मदद करने की कोशिश करेगा।

सोशल मीडिया पर वीडियो साझा किए जाने के तुरंत बाद ट्विटर पर यूजर्स ने अपने विचार व्यक्त करना शुरू कर दिया कि किसकी गलती थी- बच्चा या रोबोट। एक यूजर ने लिखा- ‘बच्चों की गलती, नियमों को नहीं तोड़ना चाहिए था। उनके लिए और शतरंज रोबोट की कंपनी के लिए अच्छा सीखने का अनुभव’। दूसके यूजर ने लिखा- ‘जब रोबोट हारने लगा तो उसे गुस्सा आ गया’।