Vladimir Putin Arrest Warrant: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस यूक्रेन युद्ध को खत्म करने की उम्मीद में अलास्का में रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की थी लेकिन वो विफल साबित हुई थी। अब इन दोनों की ही मुलाकात हंगरी में प्रस्तावित है। दोनों ही दिग्गजों ने हंगरी को मुलाकात के लिए चुना तो सवाल खड़े होने लगे कि क्या पुतिन को गिरफ्तार किया जा सकता है, आखिर ये सवाल क्यों उठा, इसके बार में समझना चाहिए।

दरअसल, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को वॉर क्राइम का दोषी घोषित करते हुए इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट यानी आईसीसी ने आदेश जारी किया। ऐसे में सैद्धांतिक तौर पर अगर वे हंगरी पहुंचते हैं, तो उन्हें तुरंत ही गिरफ्तार कर लिया जाना चाहिए। अब सवाल यह है कि क्या ऐसा होगा, तो बता दें कि इसकी संभावनाएं काफी कम हैं, क्योंकि उनकी मुलाकात राष्ट्रपति ट्रंप से प्रस्तावित है।

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रूस को करनी होगी प्लानिंग

जानकारी के मुताबिक, ट्रंप से पुतिन की मुलाकात से पहले क्रेमलिन को कई व्यवहारिक और कानूनी बाधाओं के साथ ही यूरोपियन यूनियन द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों को पार करना होगा। इसके साथ ही पुतिन को बुडापेस्ट तक पहुंचना का तरीका भी निकालना पड़ेगा।

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जर्मनी ने की थी हंगरी से डिमांड

आईसीसी के नियम के आधार पर हंगरी और उसके पड़ोसी देश अरेस्ट वॉरंट की वजह से व्लादिमीर पुतिन को गिरफ्तार करने के लिए बाध्य हैं। अगर उनका विमान उनके हवाई क्षेत्र में प्रवेश करता है, क्योंकि ये देश आईसीसी सदस्य हैं, जर्मनी पहले ही हंगरी से पुतिन को गिरफ्तार करने का आग्रह कर चुका है।

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क्या पुतिन को गिरफ्तार करेगा हंगरी?

अब सवाल यह है कि क्या व्लादिमीर पुतिन को हंगरी में गिरफ्तार किया जा सकता है, तो बता दें कि इसकी संभावना न के बराबर ही है। विक्टर ओरबान न केवल लंबे समय से डोनाल्ड ट्रंप के सहयोगी हैं, बल्कि उनके रूस के साथ भी अच्छे संबंध हैं। हंगरी ने पुतिन की सुरक्षा का आश्वासन दिया। उन्होंने युद्ध अपराधों के लिए वॉंटेड एक अन्य नेता बेंजामिन नेतन्याहू की अप्रैल यात्रा का हवाला दिया है।

क्यों होगा अहम रिकॉर्ड

पिछले कुछ दिनों में ओरबान ने ट्रंप और पुतिन दोनों से बात की और इस हाई प्रोफाइल मुलाकात के बेस बनाना शुरू कर दिया था। ध्यान देने वाली बात यह भी है कि अगर पुतिन ट्रंप से मिलने के लिए हंगरी जाने को राजी हो जाती हैं, तो लगभग चार साल से जारी रूस यूक्रेन युद्ध के बाद से यह यूरीपीय संघ के किसी देश की उनकी पहली यात्रा होगी।

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