चीन पर अपने शिनजियांग प्रांत में उईगर मुस्लिमों के नरसंहार, बड़ी संख्या में लोगों को हिरासत में रखने के आरोप लगते रहे हैं। अब उईगर मुसलमानों के दो संगठनों ने चीन की कम्यूनिस्ट सरकार के खिलाफ इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस का दरवाजा खटखटाया है। न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, लंदन के वकीलों की एक टीम इन उईगर मुसलमानों के मामले की इंटरनेशनल कोर्ट में पैरवी करेगी।
केस दाखिल करने वाले उईगर मुस्लिम संगठनों का कहना है कि चीन द्वारा हजारों की संख्या में उईगर मुसलमानों को कंबोडिया और ताजिकिस्तान से गिरफ्तार कर वापस लाया जा रहा है, जहां उन्हें गैरकानूनी तरीके से डिटेंशन कैंप्स में रखा जा रहा है। जिन दो संगठनों ने इंटरनेशनल कोर्ट में मामला दाखिल किया है, उनमें ईस्ट तुर्किस्तान गवर्नमेंट इन एक्जाइल (ETGE) और ईस्ट तुर्किस्तान नेशनल अवेकेनिंग मूवमेंट (ETNAM) का नाम शामिल है।
बता दें कि उईगर मुसलमान शिनजियांग प्रांत की आजादी की मुहिम चला रहे हैं और यहां के लोग शिनजियांग को ईस्ट तुर्किस्तान कहते हैं। हालांकि इस आजादी की मुहिम को रोकने और उईगर मुसलमानों की पहचान को खत्म करने के लिए चीन की साम्यवादी सरकार लोगों का शोषण कर रही है।
इन संगठनों का कहना है कि बड़ी संख्या में उईगर मुसलमानों का कत्ल किया जा रहा है, उन्हें गैरकानूनी तरीके से हिरासत में रखा जा रहा है, टॉर्चर किया जा रहा है और इतना ही नहीं उईगर मुसलमानों की आबादी को बढ़ने से रोकने के लिए उनकी महिलाओं का जबरन गर्भपात किया जा रहा है।
ETGE का कहना है कि उईगर, कजाख, किर्गीज और अन्य तुर्किक लोगों के खिलाफ नरसंहार, शोषण किया जा रहा है। बड़े पैमाने पर बच्चों को माता पिता से अलग कर उन्हें कैंपों में रखा जा रहा है। इस कैंपों में कुछ बच्चों द्वारा खुदकुशी करने की रिपोर्ट भी सामने आयी हैं। चीन सरकार द्वारा इन समुदायों की पहचान खत्म करने के लिए इनकी भाषा और तौर तरीकों को खत्म किया जा रहा है।
बता दें कि हाल ही में एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि चीन सरकार उइगर मुस्लिम महिलाओं में प्रजनन को रोकने का प्रयास कर रही है। इसके लिए महिलाओं में गर्भपात, गर्भनिरोधण आदि उपाय अपनाए जा रहे हैं।