अमेरिकी सेना ने दावा किया है कि उसने उत्तर पश्चिम सीरिया में शुक्रवार को ड्रोन हमले में अलकायदा के एक शीर्ष आतंकवादी को मार गिराया। यूएस सेंट्रल कमान के प्रवक्ता मेजर जॉन रिग्सबी ने एक बयान में कहा कि ड्रोन हमले में अब्दुल हामिद अल मतार को मार गिराया गया। इस हमले को दो दिन पहले दक्षिणी सीरिया में अमेरिकी सेना के चौकी पर हए हमले के जवाबी कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है।
यूएस सेंट्रल कमान के प्रवक्ता मेजर जॉन रिग्सबी ने कहा कि अल-मतार के मारे जाने से अलकायदा को अगली साजिश रचने और अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनाकर किए जाने वाले वैश्विक हमलों को अंजाम देने में बाधा आएगी। रिग्सबी ने यह भी कहा कि उत्तर पश्चिमी सीरिया में एमक्यू-9 विमान का उपयोग करके किए गए इस हमले में किसी भी नागरिक के हताहत होने की खबर नहीं आई है।
उन्होंने कहा कि अलकायदा ने सीरिया, इराक और इससे बाहर हमलों को अंजाम देने के लिए सीरिया को अपना आधार बनाया है। अलकायदा सीरिया को आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने और अपने रणनीतियों को बनाने के लिए एक सुरक्षित आश्रय के रूप में उपयोग करता है।
दक्षिणी सीरिया में एक अमेरिकी सैन्य चौकी को निशाना बनाकर किए गए आतंकवादियों के ड्रोन और रॉकेट के हमले के दो दिन बाद अमेरिकी सेना ने यह ड्रोन हमला किया। हालांकि रिग्सबी ने यह नहीं बताया कि क्या यह ड्रोन पिछले दिनों हुए आतंकी घटना के जवाबी कार्रवाई के रूप में किया गया है। अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि आतंकवादियों के हमले में वहां तैनात कोई भी अमेरिकी सैनिक हताहत नहीं हुआ।
करीब दस साल पहले शुरू हुई इस लड़ाई में अबतक करीब 4 लाख लोग मारे गए हैं और 2 लाख लोग गायब हैं। मारे गए लोगों में करीब 1 लाख आम नागरिक हैं। सीरिया में उपजे संकट की वजह से करोड़ो लोगों को अपना घर छोड़कर भागना पड़ा है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार करीब 67 लाख लोगों अपने ही देश में स्थापित हुए हैं और करीब 56 लाख लोगों ने विदेश में जाकर शरण ली है। सीरिया में चल रहे गृहयुद्ध की वजह से करीब 20 लाख लोग गरीबी के नीचे गुजर बसर कर रहे हैं। युद्ध से पहले सीरिया की आबादी करीब 2 करोड़ थी। (जनसत्ता ऑनलाइन के साथ)