साउथ चाइना सी में अमेरिका और चीन एक बार फिर आमने-सामने आ गए हैं। द न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स की रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार (9 मई) को अमेरिकी जंगी जहाज ने साउथ चाइना सी में बने चीन के कृत्रिम द्वीप के 12 मील के दायरे में चक्‍कर लगाया। अमेरिका ने यह कदम इसलिए उठाया है, ताकि चीन को यह संदेश देने के लिए उठाया है कि वह रणनीतिक तौर पर बेहद अहम माने जाने वाले क्षेत्र में उसकी गतिविधियों पर बंदिशें नहीं लगा सकता है।

दूसरी ओर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता ल्‍यू कांग ने इस मुद्दे पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अमेरिकी जंगी जहाज अवैध तरीके से हमारे जलक्षेत्र में घुस आया। हमने जहाज की गतिविधि को ट्रेस कर लिया और उसे चेतावनी दी। अमेरिका की ओर से उठाया गया यह कदम चीन की संप्रभुता और रक्षा हितों का उल्‍लंघन करता है।

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जानकारी के मुताबिक, चीन के जिस कृत्रिम द्वीप के पास अमेरिका ने जंगी जहाज विलियम पी लॉरेंस को भेजा, वह करीब 700 एकड़ में फैला है। चीन इस द्वीप को सिर्फ 18 महीने में बनाकर तैयार कर दिया था। साउथ चाइना सी में अमेरिकी जंगी जहाज की मौजूदगी चीन के लिए बड़ी चिंता का सबब है, वह पहले भी इस पर कड़ी आपत्ति जता चुका है। बीजिंग के लिए ज्‍यादा चिंता की बात यह है कि अमेरिका ने जो जंगी जहाज भेजा, वह मिसाइल डेस्‍ट्रॉयर है।

अमेरिका ने इस एक्‍शन को दिया ‘फ्रीडम ऑफ नेवीगेशन पेट्रोल’: ‘द न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स’ की रिपोर्ट के मुताबिक, इस ऑपरेशन को ‘फ्रीडम ऑफ नेवीगेशन पेट्रोल’ नाम दिया गया। अमेरिका ने यह एक्‍शन ऐसे समय पर लिया है, जब साउथ चाइना में विवादित क्षेत्र पर यूएन को फैसला सुनाना है। बीजिंग कृत्रिम द्वीप के आसपास 12 मील के दायरे पर अपना हक जता रहा है। दूसरी ओर फिलिपींस इसका विरोध कर रहा है।

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