अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन ने अलास्का में एक खास मीटिंग की। इस मीटिंग से पहले मेलानिया ट्रंप ने पुतिन को एक पत्र लिखा। खुद ट्रंप ने इसे उन्हें दिया। इसमें पुतिन से बच्चों की खातिर शांति कायम करने का आग्रह किया गया था। अब यह पत्र सोशल मीडिया पर काफी तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, फर्स्ट लेडी की तरफ से साइन किए गए इस पत्र में यूक्रेन का नाम नहीं लिया गया है। इसमें कहा गया, “हर बच्चे के दिल में एक जैसे शांत सपने होते हैं, चाहे वह किसी देश के देहाती इलाके में पैदा हुआ हो या किसी शानदार शहर के केंद्र में। वे प्यार, संभावना और खतरे से सुरक्षा के सपने देखते हैं। माता-पिता के रूप में, अगली पीढ़ी की आशा को पोषित करना हमारा कर्तव्य है। नेताओं के रूप में, अपने बच्चों को पालने की जिम्मेदारी कुछ लोगों के आराम से आगे तक फैली हुई है। निस्संदेह, हमें सभी के लिए एक गरिमापूर्ण दुनिया बनाने का प्रयास करना चाहिए ताकि हर आत्मा शांति के साथ जाग सके, और ताकि भविष्य पूरी तरह से सुरक्षित रहे।”

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मेलानिया ट्रंप ने पत्र में क्या लिखा

मेलानिया ट्रंप ने आगे इस पत्र में लिखा, “आज की दुनिया में, कुछ बच्चे अपने आसपास के अंधेरे से अछूते, शांत हंसी के साथ जीने को मजबूर हैं। पुतिन, आप अकेले ही उनकी मधुर हंसी वापस ला सकते हैं। इन बच्चों की मासूमियत की रक्षा करके, आप सिर्फ रूस की ही नहीं, बल्कि पूरी मानवता की सेवा भी करेंगे।” पत्र में लिखा था, “ऐसा साहसिक विचार सभी मानवीय भेदभावों से परे है और आप पुतिन, आज ही कलम के एक झटके से इस दृष्टिकोण को लागू करने के लिए बहुत हैं। अब समय आ गया है।”

पुतिन से मुलाकात के बाद बदले ट्रंप के सुर

अलास्का में शिखर सम्मेलन से पहले ट्रंप ने चेतावनी दी थी कि अगर रूस सीजफायर को नहीं मानता है तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। हालांकि, पुतिन से मुलाकात के बाद ट्रंप का सुर बदल गया और उन्होंने अपनी मांग छोड़ी दी और कहा कि युद्ध खत्म करने का सबसे अच्छा तरीका सीधे शांति समझौते पर जाना है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के एक अधिकारी ने पुतिन को लिखे गए मेलानिया ट्रंप के पत्र के लिए आभार जताया है।  ट्रंप-पुतिन की बैठक का भारत के लिए मतलब समझें