लगभग 2 दशक बाद अफगानिस्तान से अमेरिकी जवानों की वापसी हो गयी है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा है कि हमने काबुल में राजनयिक उपस्थिति खत्म कर दिया है,अपना संचालन दोहा (कतर) स्थानांतरित कर दिया है। अफगानिस्तान से कूटनीति के प्रबंधन के लिए दोहा में पोस्ट का उपयोग करेंगे।अमेरिकी सैन्य उड़ानें समाप्त हो गई हैं,हमारे सैनिक अफगानिस्तान से चले गए हैं।

एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका अफगान लोगों को मानवीय सहायता का समर्थन करना जारी रखेगा। यह सरकार के माध्यम से नहीं बल्कि संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों, गैर सरकारी संगठनों जैसे स्वतंत्र संगठनों के माध्यम से होगा। उम्मीद है कि तालिबान या किसी अन्य के द्वारा उन प्रयासों को बाधित नहीं किया जाएगा। बताते चलें कि अफगानिस्तान से हजारों नागरिकों को बाहर निकालने के अमेरिकी प्रयास में कतर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अब इस छोटे से खाड़ी देश से अफगानिस्तान का भविष्य तय करने में मदद करने की अपील की जा रही है क्योंकि उसके रिश्ते वॉशिंगटन और तालिबान दोनों के साथ अच्छे हैं।

तालिबान ने ‘‘पूर्ण स्वतंत्रता’’ की घोषणा की: अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के साथ ही तालिबान ने ‘‘पूर्ण स्वतंत्रता’’ की घोषणा की है। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा कि अमेरिकी सैनिकों ने काबुल हवाई अड्डे को छोड़ दिया है, जिसके बाद हमारे देश को ‘पूर्ण स्वतंत्रता मिल गई है।’

UNSC ने अफगानिस्तान को लेकर पारित किया प्रस्ताव: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की तरफ से अफगानिस्तान को लेकर प्रस्ताव पारित किए गए हैं। इस प्रस्ताव के दौरान रूस और चीन अनुपस्थित रहे। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने यूएनएससी की बैठक की अध्यक्षता की। प्रस्ताव में कहा गया है कि अफगान क्षेत्र का उपयोग किसी भी देश को धमकाने या हमला करने या आतंकवादियों को शरन देने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। प्रस्ताव में कहा गया है कि तालिबान अपनी प्रतिबद्धताओं का पालन करेगा।

ब्रिटेन ने कई राजनयिक प्रयास की योजना तैयार की: ब्रिटेन की सरकार ने कहा है कि तालिबान के नियंत्रण वाले अफगानिस्तान में वह समन्वित अंतरराष्ट्रीय प्रयास जारी रखेगी और सोमवार से सिलसिलेवार राजनयिक प्रयास शुरू करने की योजना बनाई गई है। इसके सैनिक अफगानिस्तान से बाहर जा चुके हैं। विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (एफसीडीओ) में राजनयिक सूत्रों के अनुसार, ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब कतर, तुर्की, जी-7 के सहयोगी देशों और नाटो के साथ सोमवार को होने वाली बैठक में हिस्सा लेंगे।