अमेरिका ने पाकिस्तान से कहा है कि वह देश में पनाह पाने की इच्छा रखने वाले और ‘कभी कभी पनाह पा लेने वाले’ सभी आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करे और उसकी सरजमीन से अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहे सभी आतंकी समूहों को अमान्य करार दे। विदेश मंत्रालय के उप प्रवक्ता मार्क टोनर ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हम पाकिस्तान से अपील करते हैं कि वह अपनी जमीन से गतिविधियों को अंजाम दे रहे सभी आतंकवादी समूहों को अमान्य करार दे और उनसे निपटने के लिए कदम उठाए।’

उन्होंने शुक्रवार (14 अक्टूबर) को एक प्रश्न के उत्तर में कहा, ‘पाकिस्तान को आतंकवादियों एवं हिंसक अतिवादियों के हाथों निस्संदेह बहुत नुकसान झेलना पड़ा है। हम आतंकवाद के इस खतरे के निपटने में पाकिस्तान की मदद करना चाहते हैं लेकिन हम यह भी चाहते हैं कि पाकिस्तान उन आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करे जो पाकिस्तान की जमीन पर पनाह पाना चाहते हैं और कभी कभी पनाह पा लेते हैं।’ टोनर का यह बयान ऐसे समय में आया है जब उरी में आतंकवादी हमले और फिर 28 एवं 29 सितंबर की दरम्यानी रात को नियंत्रण रेखा के पार आतंकवादियों के सात ठिकानों पर भारत के सर्जिकल हमले के बाद भारत एवं पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। उरी आतंकवादी हमले में 19 भारतीय जवान शहीद हो गए थे।

अमेरिका ने भारत के सर्जिकल हमले को समर्थन देने का स्पष्ट संकेत देते हुए इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि वह भारत के इस रुख को समझता है कि उसे आतंकवादी खतरों पर सैन्य प्रतिक्रिया देने की आवश्यकता है और उसने उरी हमलों को ‘सीमा पार आतंकवाद का स्पष्ट मामला’ करार दिया था। अमेरिका ने भारत एवं पाकिस्तान के बीच हाल में बढ़े तनाव को कम करने के लिए दोनों देशों से वार्ता एवं सहयोग बढ़ाने की भी अपील की थी। उसने कहा था कि उन्हें अपने ‘विवादपूर्ण मसलों’ के समाधान के लिए ‘सुलह समझौते का दृष्टिकोण’ अपनाना चाहिए।