अमेरिका में बर्थराइट सिटीजनशिप नियमों में बदलाव के बाद अब लोग स्थायी नागरिकता के लिए तमाम उपाय अपना रहे हैं। इसके लिए लोग समय से पहले बच्चों का जन्म, लंबी कतारों में प्रतीक्षा करना जैसे उपाय भी करने को तैयार हैं। वहीं, दूसरी ओर वो एलजी जो एक मिलियन डॉलर का भुगतान करने में सक्षम हैं उनके लिए नागरिकता एक चेक दूर हो सकती है।

हाल के बदलावों के बीच, भारतीय या अमेरिका में काम करने वाले या स्टडी करने वाले लोग जो अमेरिकी ग्रीन कार्ड हासिल करना चाहते हैं, वे अमेरिकी नागरिकता के लिए EB-5 वीजा के लिए आवेदन कर सकते हैं। लोग आसानी से EB5 वीजा प्रोग्राम के तहत अमेरिका में स्थायी निवास का दर्जा प्राप्त कर सकते हैं। आइये जानते हैं कैसे।

EB5 वीजा के दौरान आवेदकों को काम करने और अपना बिजनेस चलाने की इजाजत होती

इन वीज़ा के लिए आवेदन करने में 6 से 8 महीने लगते हैं और इस दौरान आवेदकों को काम करने और अपना बिजनेस चलाने की इजाजत होती है। इसमें H-1B की तरह लंबा इंतज़ार करने या प्रोसेस करने की ज़रूरत नहीं होती। यह वीज़ा मार्ग H-1B और L1 के सामान्य मार्गों से अलग है जहां वीज़ा आवेदन राष्ट्रीय सीमा से कहीं अधिक होते हैं।

EB5-5 कार्यक्रम 1990 में शुरू किया गया था। इसे मूल रूप से अमेरिका के ग्रामीण और अविकसित क्षेत्रों में रहने वाले अमेरिकियों के लिए ग्रीन कार्ड की चाहत को निवेश और रोजगार के अवसर में बदलने के लिए लाया गया था। इच्छुक अप्रवासी 5,00,000 डॉलर जितना निवेश कर सकते हैं। ईबी-5 वीजा का इस्तेमाल अमीरों द्वारा किया जाता है, इसका मतलब यह नहीं है कि इसके लेने वाले कम हैं। दो हज़ार ईबी-5 वीज़ा निवेशकों के लिए अलग रखे गए हैं जो प्रत्येक ग्रामीण अमेरिकी स्थान पर 800,000 डॉलर देते हैं।

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विदेशी निवेशकों को टारगेट रोजगार क्षेत्र में करना होगा निवेश

इस वीज़ा के लिए भारतीयों जैसे विदेशी निवेशकों को टारगेट रोजगार क्षेत्र (TEA) में 800,000 डॉलर या अन्य क्षेत्रों में 1,050,000 डॉलर का निवेश करना होगा। इसके साथ ही उन्हें 10 पूर्णकालिक नौकरियां भी सृजित करनी होंगी। लेकिन, इसमें एक समस्या है। कई निवेशक और बड़े बिल्डर सिस्टम में हेराफेरी करते हैं और ग्रामीण इलाकों की तुलना में शहरी इलाकों में ज़्यादा निवेश करते हैं। पिछले कुछ सालों में यह मुद्दा बार-बार उठाया गया है। न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, अब 2022 में लागू होने वाले नए नियमों के तहत, इनमें से 20% वीज़ा ग्रामीण परियोजनाओं के लिए आरक्षित हैं। लेकिन इन कार्यक्रमों में भी धांधली की गई है।

हेनले एंड पार्टनर्स इंडिया के निजी ग्राहकों के निदेशक रोहित भारद्वाज ने मनी कंट्रोल से कहा, “H1-B वीजा पर अमेरिका में रहने वाले भारतीय समुदाय के बीच EB-5 वीजा के लिए आवेदन करने की होड़ मच सकती है। भारत से जो बच्चे वर्तमान में F-1 वीजा पर पढ़ रहे हैं, उनके माता-पिता अपने बच्चों के लिए ग्रीन कार्ड प्राप्त करने के लिए EB-5 वीजा को प्राथमिकता के रूप में देख सकते हैं।” पढ़ें- देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लेटेस्ट अपडेट्स