टेस्ला के सीईओ एलन मस्क का मानना है कि अमेरिका को उन कुशल भारतीयों से बहुत लाभ हुआ है जो पिछले कुछ सालों में वहाँ आकर बसे हैं। मस्क ने कहा कि भारतीय इंजीनियरों, वैज्ञानिकों और उद्यमियों ने देश की प्रौद्योगिकी और व्यावसायिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

रविवार को जारी जीरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामथ के पॉडकास्ट “WTF is” में कामथ ने चर्चा की शुरुआत यह कहकर की कि अमेरिका ने हमेशा दुनिया भर से वास्तव में बुद्धिमान लोगों को आकर्षित किया है, जिसके कारण भारत में कई लोगों ने इसे प्रतिभा पलायन कहा। मस्क ने इस बात पर सहमति जताते हुए कहा कि भारतीय कामगारों ने अमेरिकी तकनीकी उद्योग को मज़बूत किया है। उन्होंने कहा, “हाँ, मुझे लगता है कि अमेरिका आए प्रतिभाशाली भारतीयों से अमेरिका को बहुत फ़ायदा हुआ है।”

मस्क ने अमेरिका में व्यापक इस चिंता का जवाब दिया कि विदेशी कर्मचारी स्थानीय नौकरियाँ छीन लेते हैं। उन्होंने कहा, “मुझे नहीं पता कि यह कितना सच है। मेरा सीधा अनुभव यह है कि प्रतिभाशाली लोगों की हमेशा कमी रहती है। हमें कठिन कामों को पूरा करने के लिए पर्याप्त प्रतिभाशाली लोगों को ढूँढ़ने में बहुत दिक्कत होती है इसलिए ज़्यादा प्रतिभाशाली लोग ही अच्छे होंगे।”उन्होंने कहा कि उनकी कंपनियां – टेस्ला, स्पेसएक्स, एक्स और एक्सएआई दुनिया में सबसे प्रतिभाशाली लोगों को खोजने पर ध्यान केंद्रित करती हैं।

आउटसोर्सिंग कंपनियों का ज़िक्र करते हुए टेस्ला प्रमुख ने कहा, “मुझे लगता है कि एच-1बी कार्यक्रम का कुछ दुरुपयोग हुआ है । कुछ कंपनियों ने एच-1बी के मोर्चे पर सिस्टम के साथ खिलवाड़ किया है और हमें इस सिस्टम के साथ खिलवाड़ बंद करना होगा।” हालांकि, मस्क ने कहा कि वह इस कार्यक्रम को बंद करने के पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने कहा, “मैं निश्चित रूप से इस विचारधारा से सहमत नहीं हूँ कि हमें एच-1बी कार्यक्रम को बंद कर देना चाहिए। मुझे लगता है कि उन्हें इस बात का एहसास नहीं है कि यह वास्तव में बहुत बुरा होगा।”