अमेरिका ने पाकिस्‍तान के न्‍यूक्‍ल‍ियर और मिसाइल प्रोग्राम पर चिंता जताते हुए कहा है कि वह इस पर रोक लगाए ताकि कुछ भी ऐसा न हो जिससे क्षेत्र में परमाणु सुरक्षा और रणनीतिक स्‍थायित्‍व पर खतरा बढ़े। अफगानिस्‍तान और पाकिस्‍तान के लिए विशेष अमेरिकी प्रतिनिधि रिचर्ड ओलसन ने हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी की ओर से बुलाई गई बैठक में बुधवार को सांसदों को बताया, ”मैं कहना चाहता हूं कि हम आपकी चिंताओं, खास तौर पर पाकिस्‍तान के परमाणु आयुध भंडार में हो रहे इजाफे से अवगत हैं। हम पाकिस्‍तान के न्‍यूक्‍ल‍ियर सिस्‍टम के लक्ष्‍य और उसके मिसाइल प्रोग्राम की रफ्तार और प्रसार से सबसे ज्‍यादा चिंतित हैं।”

ओल्‍सन ने आगे कहा, ”हमें इस बात की चिंता है कि दक्ष‍िण पश्चिम एशिया में कोई टकराव न्‍यूक्‍ल‍ियर हथियारों के इस्‍तेमाल के हद तक जा सकता है। साथ ही साथ पाक के परमाणु बमों के जखीरे में इजाफा होने से सुरक्षा संबंधित चुनौतियां भी बढ़ेंगी। हम पाकिस्‍तानियों से काफी हाई लेवल की बातचीत कर चुके हैं। इसमें हमने अपनी विशिष्‍ट चिंताओं से उन्‍हें अगवत कराया है।” ओल्‍सन ने कहा कि अमेरिका ने पाकिस्‍तान को कहा है कि वह अपने न्‍यूक्‍ल‍ियर और मिसाइल कार्यक्रम पर रोक लगाए।

ओल्‍सन ने यह बयान ऐसे वक्‍त में दिया है, जब अमेरिकी सांसदों ने सरकार को पाकिस्‍तान के साथ कड़ा रवैया अपनाने के लिए कहा है क्‍योंकि वह भारत के साथ अपने रिश्‍तों को सामान्‍य करने को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रहा। साथ ही उसने हथियारों के जखीरे में इजाफा करने की रफ्तार बढ़ा दी है। बता दें कि इस बैठक के दौरान अमेरिकी प्रतिनिधि हिगिंस ने कहा, ”पाकिस्‍तान हथियारों की होड़ में लगा हुआ है, क्‍योंकि उसे लगता है कि उसके अस्त‍ित्‍व को भारत से खतरा है।” हिंगिंस ने यह भी कहा कि जिस रफ्तार से पाक परमाणु हथियार जुटाने में लगा हुआ है, अगले दशक तक उसके पास 350 न्‍यूक्‍ल‍ियर वॉरहेड होंगे। इस तरह से वो भारत, फ्रांस, चीन और ब्रिटेन को भी पीछे कर देगा।