राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बैठक के कुछ दिनों के भीतर दोनों पक्षों ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। अमेरिकी युद्ध सचिव पीट हेगसेथ ने रविवार को कहा कि उन्होंने चीन के राष्ट्रीय रक्षा मंत्री एडमिरल डोंग जून से मुलाकात की और दोनों ने संचार को मजबूत करने, द्विपक्षीय संबंधों में स्थिरता बनाए रखने और किसी भी समस्या और तनाव कम करने के लिए मिलिट्री-टू-मिलिट्री चैनल स्थापित करने पर सहमति व्यक्त की।

पीट हेगसेथ ने कहा कि उन्होंने डोंग से मलेशिया में मुलाकात की और शनिवार को फिर से बात की। उन्होंने कहा कि शी जिनपिंग के साथ ट्रंप की ऐतिहासिक G2 बैठक, दोनों नेताओं की मुलाकात 30 अक्टूबर को दक्षिण कोरियाई शहर बुसान में हुई थी। इस मुलाक़ात ने अमेरिका और चीन के लिए स्थायी शांति और सफलता का मार्ग प्रशस्त किया है।

चीन-अमेरिका ने सैन्य चैनल खोलने का लिया फैसला

हेगसेथ ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “मैंने अभी राष्ट्रपति ट्रंप से बात की है और हम इस बात पर सहमत हैं कि अमेरिका और चीन के बीच संबंध पहले कभी इतने बेहतर नहीं रहे। दक्षिण कोरिया में राष्ट्रपति ट्रंप की चेयरमैन शी जिनपिंग के साथ ऐतिहासिक मुलाकात के बाद, मलेशिया में मेरी अपने समकक्ष, चीन के राष्ट्रीय रक्षा मंत्री एडमिरल डोंग जून के साथ भी उतनी ही सकारात्मक मुलाकात हुई। और हमने कल रात फिर बात की।”

अमेरिकी युद्ध सचिव ने कहा, “एडमिरल और मैं इस बात पर सहमत हैं कि शांति, स्थिरता और अच्छे संबंध हमारे दो महान और मजबूत देशों के लिए सबसे अच्छा रास्ता हैं। जैसा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, उनकी ऐतिहासिक ‘जी2 बैठक’ ने अमेरिका और चीन के लिए स्थायी शांति और सफलता का मार्ग प्रशस्त किया।”

पढ़ें- ट्रंप और शी जिनपिंग की महत्वपूर्ण बैठक 

  • क्या हैं मायने?

पीट ने कहा, “युद्ध विभाग भी यही करेगा – शक्ति, आपसी सम्मान और सकारात्मक संबंधों के माध्यम से शांति। एडमिरल डोंग और मैं इस बात पर भी सहमत हुए कि हमें किसी भी उत्पन्न होने वाली समस्या को कम करने और तनाव कम करने के लिए सैन्य-से-सैन्य चैनल स्थापित करने चाहिए। इस विषय पर हमारी जल्द ही और बैठकें होने वाली हैं। ईश्वर चीन और अमेरिका दोनों का भला करे!”

चीन ताइवान पर कोई कार्रवाई नहीं करेगा- ट्रंप

वहीं, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने उन्हें आश्वासन दिया है कि जब तक वह (ट्रंप) पद पर हैं, चीन ताइवान पर कोई कार्रवाई नहीं करेगा। ट्रंप ने कहा कि बृहस्पतिवार को दक्षिण कोरिया में शी जिनपिंग के साथ उनकी बातचीत में ताइवान का विवादास्पद मुद्दा नहीं उठा। उन्होंने कहा कि यह बैठक मुख्यतः अमेरिका-चीन व्यापार तनाव पर केंद्रित थी। ट्रंप ने यह विश्वास भी जताया कि उनके कार्यकाल के दौरान चीन ताइवान को मुख्य भूभाग के साथ एकीकृत करने के अपने लंबे समय से घोषित लक्ष्य की दिशा में कोई कार्रवाई नहीं करेगा।

ट्रंप ने रविवार को प्रसारित सीबीएस के साथ एक साक्षात्कार में कहा, “उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा और उनके लोगों ने बैठकों में साफ तौर पर कहा है कि ट्रंप के राष्ट्रपति रहते हुए हम कभी कुछ नहीं करेंगे क्योंकि वे इसके परिणाम जानते हैं।” अमेरिकी अधिकारी लंबे समय से इस बात को लेकर चिंतित हैं कि चीन ताइवान के खिलाफ सैन्य बल का प्रयोग कर सकता है। ताइवान स्वशासित क्षेत्र है, जिस पर चीन अपना दावा करता है कि वह उसका हिस्सा है।

पढ़ें- डोनाल्ड ट्रंप ने एक सांस में की पीएम मोदी, शहबाज शरीफ और आसिम मुनीर की तारीफ