US 9/11 Attack: अमेरिका के इतिहास में 11 सितंबर 2001 की तारीख एक काले अध्याय के तौर पर जानी जाती है। इस दिन अमेरिका ने अपने इतिहास के सबसे खराब आतंकी हमले को झेला। इसमें तीन हजार लोगों की जान चली जाती है और 10 हजार लोग घायल हो जाते हैं। इस पूरे हमले की जिम्मेदारी अलकायदा के ओसामा बिन लादेन ने ली थी। सभी के मन में एक ही सवाल आता होगा कि जब यह आतंकी हमला इतना बड़ा था तो इसकी फंडिंग भी कहां से हुई होगी। इतना सारा पैसा किसने दिया।

अमेरिका में हुए इस आतंकी हमले का असली मास्टरमांइड केएसएम था। उसका पूरा नाम खालिद शेख मोहम्मद था। उसने पूरी घटना को अंजाम देने का प्लान तो तैयार कर लिया था लेकिन इसको अंजाम देने के लिए उसके पास में पैसों की कमी थी। अब केएसएम को अपना प्लान पूरा करने के लिए पैसों की सख्त जरूरत थी। यही बात थी जो केएसएम को ओसामा बिन लादेन की तरफ खींचकर ले आई।

अमेरिकी रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

अमेरिका द्वारा जारी की गई ‘THE 9/11 COMMISSION REPORT में इस बात का खुलासा किया गया है। काफी सालों से चली इस आतंकी हमले की प्लानिंग में करीब 400,000 डॉलर से 500,000 डॉलर तक खर्च आया। रिपोर्ट के मुताबिक, सारे पैसों का इंतजाम अलकायदा ने ही किया था। यह पैसा या तो केएसएम कैश में पहुंचाता था या फिर इसके उन्होंने दूसरा तरीका भी निकाला हुआ था।

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इतना ही नहीं यह सारा का सारा पैसा अमेरिका और दूसरे कई सारे देशों में जमा किया गया था। इस रिपोर्ट में इस बात का भी खुलासा किया गया है कि ऐसा कोई भी सबूत नहीं मिला है जिससे इस बात की जानकारी मिल सके कि किसी अमेरिका के नागरिक ने ही इन्हें फंड दिया हो। हमले को अंजाम देने वाले हर आतंकी को भी मोटा पैसा दिया गया था। एक आतंकी को 10,000 डॉलर दिए गए थे।

अलकायदा को मिलती थी डोनेशन

अब अलकायदा की फंडिंग की बात की जाए तो यह ज्यादातर डोनेशन के जरिये ही होती थी। कई सालों तक सबसे ताकतवर देश अमेरिका को लगता था कि ओसामा बिन लादेन ही खुद अलकायदा को फंडिंग कर रहा है। उसका ऐसा मानना था कि लादेन काफी रईस खानदान से आता है तो वह ऐसा कर सकता था। हालांकि, वह बाद में गलत साबित हुआ।

अमेरिका की कमीशन की रिपोर्ट यह भी बताती है कि डोनेशन को जमा करने के लिए बाकायदा एक टीम भी होती थी। चंदा लेने वाले कई संगठन पहले तो इस्लाम के नाम पर चंदा मांगते थे और बाद में उसे जमा करके अलकायदा तक पहुंचा देते थे। वहीं रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस फंडिग का असली सोर्स क्या थी। इस बात की सटीक जानकारी नहीं है।