संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि इस्लामी आतंकी समूह बोकोहराम द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले पांच आत्मघाती हमलावरों में कम से कम एक नाबालिग होता है और इनमें से आधी से अधिक लड़कियां होती हैं। संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के कार्यालय ‘ऑफिस फॉर कोऑर्डिनेशन ऑफ ह्यूमेनिटेरियन अफेयर्स’ (ओसीएचए) के मुताबिक, बोकोहराम द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले आत्मघाती हमलावरों की संख्या में एक साल में दस गुणा इजाफा हुआ है और इनमें से 75 फीसदी लड़कियां हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, 2015 में आत्मघाती बम हमलों में 44 नाबालिग शामिल थे और इससे पहले के चार वर्षों तथा बीते दो वर्षों में पांच आत्मघाती हमलावरों में कम से कम एक हमलावर नाबालिग था। बीते सप्ताह ओसीएचए ने एक बयान में बताया कि जनवरी 2014 और फरवरी 2016 के बीच केमरून में हुए 21 आत्मघाती हमलों में नाबालिगों का इस्तेमाल हुआ, इसके बाद नाइजीरिया में हुए ऐसे 17 हमलों तथा चाड के दो हमलों में नाबालिगों का इस्तेमाल हुआ। जनवरी से नाइजर में बोको हराम के हमलों में इजाफा हुआ है।
संयुक्त राष्ट्र की मानवीय शाखा ने आगाह किया है कि लेक चाड बेसिन क्षेत्र में सैन्य अभियानों को बढ़ाने के बावजूद समूह के बंदूकधारी असैन्य नागरिकों और सैनिकों को निशाना बनाकर लगातार हमले कर हैं। क्षेत्र के संघर्ष प्रभावित कई इलाकों में सुरक्षा चिंताजनक बनी हुई है और इससे जरूरतमंद लोगों तक सहायता पहुंचने में दिक्कत आ रही है।