ब्रिटेन ने मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद को राजनीतिक शरणार्थी का दर्जा दे दिया है। नशीद को आतंकवाद से जुड़े आरोपों की सुनवाई के बाद 13 साल की कैद की सजा सुनाई गई थी। नशीद के वकील हसन लतीफ ने कहा कि मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता ने राजनीतिक शरण की मांग की थी और उन्हें यह दर्जा दे दिया गया।

जानेमाने मानवाधिकारवादी और लोकतांत्रिक तौर पर निर्वाचित मालदीव के पहले राष्ट्रपति नशीद (49) को श्रीलंका, भारत और ब्रिटेन की मध्यस्थता वाले एक समझौते के बाद जनवरी में रीढ़ की हड्डी से जुड़ी सर्जरी करवाने के लिए ब्रिटेन जाने की अनुमति दे दी गई थी। नशीद ने शरणार्थी दर्जे की घोषणा करते हुए एक बयान में कहा-‘राष्ट्रपति (अब्दुल्ला) यमीन ने हर विपक्षी नेता को जेल में डाला है और हर उस व्यक्ति पर कार्रवाई की है, जो उनके विरोध की कोशिश करता है या आलोचना करता है।’ नशीद ने सोमवार को कहा-‘पिछले साल प्रेस की स्वतंत्रता, अभिव्यक्ति और एकत्र होने की स्वतंत्रता- सब कुछ नष्ट हो गया। मालदीव को तानाशाही की ओर जाता देख कर मुझे और कई विपक्षी नेताओं को यह महसूस हुआ है कि हमारे पास फिलहाल निर्वासन में रह कर काम करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है।’

मालदीव की सरकार ने एक बयान में कहा कि वह इस बात से निराश है कि ब्रिटेन की सरकार इस सबमें शामिल होने के लिए तैयार हो गई है। मालदीव की सरकार ने यह भी कहा कि ब्रितानी मंत्री कानून को नाकाम बनाने के प्रयासों में मदद कर रहे हैं।
नशीद वर्ष 2008 में मालदीव के पहले लोकतांत्रिक तौर पर निर्वाचित राष्ट्रपति बने थे। इसके साथ ही पूर्व दबंग मौमून अब्दुल गायूम का तीन दशक का शासन खत्म हो गया था। नशीद ने चार साल तक राष्ट्रपति के रूप में काम किया और उसके बाद सेना व पुलिस के कथित समर्थन से उनका तख्ता पलट कर दिया गया था।

नशीद को इलाज के बाद मालदीव लौट आना था, लेकिन वे लंदन में ही रहे। उनकी पत्नी और बेटियां तब से ही लंदन में रह रही हैं जब से नशीद को जेल भेजा गया था। नशीद को आतंकवाद के आरोपों में 13 साल के लिए जेल भेजा गया था। उन पर आरोप था कि उन्होंने एक मुकदमे से जुड़े जज की गिरफ्तारी के आदेश अवैध रूप से जारी कर दिए थे, जिससे मालदीव की अस्थिरता सामने आ गई ।

अमेरिका और विदेशी सरकारों सहित विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने नशीद को जेल भेजे जाने की व्यापक तौर पर निंदा की थी। वैश्विक मंच की मशहूर हस्ती माने जाने वाले नशीद के मामले को अंतरराष्ट्रीय विधि दल की मदद से लड़ा गया था, जिसमें ब्रितानी मानवाधिकार अधिवक्ता और अमेरिकी अभिनेता जॉर्ज क्लूनी की पत्नी एमल क्लूनी शामिल थीं।

ब्रिटेन में इलाज के लिए पहुंचने पर नशीद का भव्य स्वागत किया गया था और खुद प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने उनकी अगवानी की थी। वर्ष 2011 में कैमरन ने नशीद को अपना ‘सबसे अच्छा मित्र’ बताया था और उनके लंदन पहुंचने पर कैमरन ने इस पूर्व राष्ट्रपति, उनकी पत्नी और एमल की डाउनिंग स्ट्रीट पर मेजबानी की थी। मालदीव ने पिछले महीने नशीद से मांग की थी कि वे ब्रिटेन में चल रही अपनी चिकित्सीय छुट्टियों से लौटकर आएं। इसके बाद मालदीव ने नशीद की पेंशन और स्वास्थ्य बीमा को रद्द कर दिया था।