अबू धाबी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले हिंदू मंदिर का उद्घाटन कर दिया है। विशेष पूजा-अर्चना इस समय की जा रही है। बताया जा रहा है कि एक्टर अक्षय कुमार, शंकर महादेवन, दिलीप जोशी जैसी कई हस्तियां भी इस हिंदू मंदिर के उद्घाटन के साक्षी बने हैं। जिस तरह से राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दौरान हजारों लोगों की उपस्थिति थी, वैसा ही माहौल अबू धाबी में भी देखने को मिला है।
पीएम मोदी ने इस नए मंदिर में विशेष आरती में हिस्सा भी लिया है। पुजारियों के साथ उनकी लंबी वार्ता हुई है, विशेष पूजा की गई है और तय रीति रिवाजों के तहत शुभ मूहर्त में मंदिर का उद्घाटन हुआ है। उद्घाटन के दौरान उन्होंने बोला कि मुझे विश्वास है कि यहां आने वाले समय में बड़ी संख्या में श्रद्धालू आएंगे, इससे UAE आने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ेगी और पीपल टू पीपल कनेक्ट भी बढ़ेगा… मैं इसके लिए UAE सरकार को बहुत धन्यवाद देता हूं।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि यह मंदिर पूरी दुनिया के लिए सांप्रदायिक सौहार्द और एकता का प्रतीक होगा… मंदिर के निर्माण में यूएई सरकार की भूमिका सराहनीय है। उनके मुताबिक UAE ने एक सुनहरा अध्याय लिखा है। मंदिर के उद्घाटन में वर्षों की कड़ी मेहनत है और कई लोगों के सपने मंदिर से जुड़े हैं। स्वामीनारायण का आशीर्वाद भी जुड़ा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर भी जोर दिया कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर का सदियों पुराना सपना पूरा हुआ है, राम लला अपने भवन में विराजमान हुए हैं, पूरा भारत और हर भारतीय उस भाव में अभी तक लीन है… मैं जानता नहीं हूं कि मैं मंदिरों के पुजारी की योग्यता रखता हूं या नहीं लेकिन मैं इसका गर्व अनुभव करता हूं कि मैं मां भारती का पुजारी हूं।
जानकारी के लिए बता दें कि बीएपीएस, बोचासनवासी श्री अक्षर पुरूषोत्तम स्वामीनारायण संस्था का शॉर्ट फॉर्म है। यह वेदों में निहित सामाजिक-आध्यात्मिक हिंदू आस्था का प्रतिनिधित्व करता है। इसकी शुरुआत 18वीं शताब्दी के अंत में भगवान स्वामीनारायण ने की थी। इतना ही नहीं बीएपीएस व्यावहारिक आध्यात्मिकता के सिद्धांतों पर आधारित है। यह दुनियाभर में 3,850 से अधिक संगठन हैं। यह अपने वैश्विक नेटवर्क के जरिए समाज की सेवा करता है। दरअसल, 2015 में पीएम मोदी की खाड़ी देश की दो दिवसीय यात्रा के दौरान यूएई ने अबू धाबी में एक मंदिर के निर्माण के लिए जमीन आवंटित की थी। वहीं इस मंदिर को हजारों भारतीय कारीगरों ने मिलकर बनाया है।
ये मंदिर कितना भव्य है, इसे इसी बात से समझा जा सकता है कि इसके परिसर में एक विजिटर्स सेंटर, प्रार्थना कक्ष, लाइब्रेरी क्लासरूम, कम्युनिटी सेंटर, मजिलिस, एम्फीथिएटर, खेल का मैदान, बगीचा, किताब और गिफ्ट की दुकानें और फूड कोर्ट मौजूद है। इस मंदिर को बनाने के लिए किसी स्टील या कंक्रीट का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा। मंदिर को इतना मजबूत बनाया जा रहा है कि यह आने वाले 1000 साल तक जस का तस खड़ा रहेगा।