एक अपीलीय कोर्ट का कहना है कि 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में सिख समूह की तरफ से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ जो दलीलें पेश की गई हैं उनमें कोई दम नहीं है।
अमेरिका की कोर्ट ऑफ अपील्स फोर सेकेंड सर्किट के तीन न्यायाधीशों के पैनल ने फैसला सुनाया है कि सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) ने सोनिया गांधी के खिलाफ जो दलीलें पेश की हैं, उनमें कोई दम नहीं है।
सर्किट जज जोस कैब्रानेस, रेने रैग्गी और रिचर्ड वेस्ले की पीठ ने नौ जून 2014 को दिए गए जिला अदालत के आदेश की पुष्टि की। जिला अदालत के न्यायाधीश ने सोनिया गांधी के खिलाफ एसएफजे की तरफ से दायर मानवाधिकार उल्लंघन का मुकदमा खारिज कर दिया था।
अमेरिकी जिला जज ब्रायन कोगन ने ‘मामले के अधिकार क्षेत्र में नहीं आने’ के कारण शिकायत को खारिज करने संबंधी सोनिया गांधी का निवेदन स्वीकार कर लिया था।
तीन न्यायाधीशों की पीठ ने मंगलवार को यहां जारी अपने आदेश में कहा, ‘अच्छी तरह विचार करने के बाद यह आदेश दिया जाता है, यह घोषित किया जाता है और यह फैसला सुनाया जाता है कि जिला अदालत के निर्णय को बरकरार रखा गया है।’