लाहौर में Khalistan Liberation Force (KLF) के शीर्ष नेता हरमीत सिंह की हत्या कर दी गई है। हरमीत सिंह भारत में हथियार तथा ड्रग्स तस्करी से जुड़े मामलों में वांछित था। पिछले ही साल अक्टूबर में इंटरपोल ने अपनी सूचनाओं के आधार पर खालिस्तान से संबंध रखने वाले 8 लोगों के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। हरमीत सिंह भी इनमें से एक था। हरमीत सिंह पिछले 2 साल से पाकिस्तान में रहता था और यहीं से अपने नशे के कारोबार को बढ़ावा दे रहा था।
स्थानीय गैंग पर हत्या का शक:
सुरक्षा अधिकारियों को शक है कि हरमीत सिंह की हत्या के पीछे उसके धंधे में पैसों की लेनदेन से जुड़ा मसला हो सकता है। कहा जा रहा है कि ड्रग्स तस्करी को लेकर पैसों का विवाद हरमीत सिंह की हत्या की वजह बनी। बीते सोमवार को लाहौर स्थित डेरा चहल गुरुद्वारा के नजदीक उसकी हत्या कर दी गई। बताया जा रहा है कि हरमीत की हत्या में स्थानीय गैंग का हाथ है।
डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की थी:
हरमीत सिंह अमृतसर के Chheharta का रहने वाला था। उसने डॉक्टरेट की डिग्री भी हासिल की थी। यहीं वजह है कि उसे हरमीत सिंह उर्फ ‘Happy Phd’ के नाम से भी जाना जाता था। बताया जा रहा है कि साल 2014 में जब पंजाब पुलिस ने थाइलैंड से केएलएफ के चीफ हरमिंदर मिंटों को पकड़ा तब वो तब हरमीत सिंह इस गुट का नेतृत्व करने लगा। हालांकि हरमिंदर मिंटो बाद में कुछ गैंगस्टरों की मदद से नाभा जेल से फरार हो गया लेकिन फिर पकड़ा गया और अप्रैल 2018 में कार्डियेक अरेस्ट से उसकी मौत हो गई। इसके बाद हरमीत सिंह उर्फ ‘Happy Phd’, Khalistan Liberation Force का एक शीर्ष नेता बन गया।
RSS नेता की हत्या में शामिल होने का आऱोप:
‘Happy Phd’ पर यूं तो कई संगीन आरोप थे। साल 2016-17 में उसपर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के एक नेता की हत्या में शामिल होने का आरोप लगा था। साल 2019 में खुफिया तंत्र को यह भी सूचना मिली थी कि हरमीत सिंह ने ऑपरेशन ब्लूस्टार के वर्षगांठ पर हमले की योजना भी बनाई थी। साल 2018 में राजासंसी में स्थित निरंकारी भवन पर हुए ग्रेनेड हमले में भी हरमीत सिंह का हाथ होने की आशंका जताई गई है। इस हमले में तीन लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग जख्मी भी हुए थे।
