बांग्लादेश में एक धर्मनिरपेक्ष प्रकाशक ने रविवार को बताया कि उन्हें भी जान से मारने की धमकी मिल रही है। शनिवार को ही देश में एक प्रकाशक की हत्या कर दी गई है और दो ब्लॉगर व एक प्रकाशक को गंभीर रूप से घायल कर दिया गया है। इन दोनों हमलों की जिम्मेदारी अल-कायदा ने ली है। ‘समय प्रकाशन’ के मालिक फरीद अहमद ने कहा कि एसएमएस के जरिए मोबाइल फोन पर उन्हें धमकी मिली है। अल-अहरार नामक समूह की ओर से भेजा गया एसएमएस है, ‘‘आपने नास्तिकों की लिखी कई पुस्तकें प्रकाशित की हैं। आपने बहुत पाप किए हैं। अपनी मौत के लिए तैयार हो जाएं।’’
‘डेली स्टार’ की खबर के अनुसार, प्रकाशक ने अभी पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं करायी है। हालांकि अहमद ने बताया कि सूत्रपुर थाने के प्रभारी ने इस संबंध में सूचना मिलने पर उन्हें फोन किया था। पुलिस उन्हें सूत्रपुर स्थित कार्यालय भी आयी थी। दिवंगत नास्तिक लेखक और ब्लॉगर अविजित रॉय के साथ काम करने वाले प्रकाशक फैसल अरेफिन दीपन (43) की मध्य ढाका के एक भवन में तीसरी मंजिल पर स्थित उनके दफ्तर में कल हत्या कर दी गयी।
दरपन की हत्या के कुछ ही घंटों पहले अज्ञात हमलावरों ने दो धर्मनिरपेक्ष लेखकों और एक प्रकाशक पर हमला कर उन्हें गभीर रूप से घायल कर दिया था। पिछले ढाई वर्ष में बांग्लादेश में छह लेखकों और ब्लॉगरों की हत्या हुई है। इनमें से पांच लोगों की हत्या इसी वर्ष जनवरी से अभी तक हुई है।
इस बीच बांग्लादेश में हमलों में एक धर्मनिरपेक्ष प्रकाशक की हत्या और दो अन्य ब्लॉगर के जख्मी होने के एक दिन बाद गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने आज सड़कों पर प्रदर्शन किया और सरकार पर ‘‘उदासीनता’’ बरतने और ‘‘माफी की संस्कृति’ का आरोप लगाया। इन हमलों की जिम्मेदारी अल कायदा इन इंडियन सब कंटिनेंट ने ली है।
पिछले ढाई साल में छह लेखकों की हत्या की जा चुकी है जिसमें से पांच का कत्ल इस साल जनवरी से अब तक किया गया है। मृतकों के परिवारों और मित्रों ने आरोपियों को इंसाफ के दायरे में लाने को लेकर पुलिस पर नाकाम रहने का आरोप लगाया है। मृत नास्तिक लेखक और ब्लॉगर अविजीत राय के साथ काम करने वाले प्रकाशक फैसल आरफिन दीपन (43) की शनिवार को मध्य ढाका में एक इमारत की तीसरी मंजिल पर स्थित दफ्तर में हत्या कर दी गई। दीपन की हत्या से कुछ घंटे पहले अज्ञात हमलावरों ने दो धर्मनिरपेक्षक लेखकों और अमेरिकी नागरिक राय की पुस्तक के अन्य प्रकाशक अहमद-उर-रशिद टुटुल पर हमला कर दिया था, जिसमें उनमें से एक गंभीर रूप से जख्मी हो गया।
एक समूह जिसने खुद की पहचान अंसार अल-इस्लाम बताई है जो अल कायदा इन इंडियन सबकंनटिनेंट (एक्यूआईएस) की बांग्लादेशी शाखा है। उसने हमलों की जिम्मेदारी ली थी। हमलों की वजह से विभिन्न अधिकार समूह और सामाजिक संठगनों में बड़े पैमाने पर गुस्सा हैं और उन्होंने राजधानी और अन्यत्र हिस्सों में आज मार्च निकाला। सुरक्षा सुनिश्चित करने में पुलिस के विफल रहने के लिए उसकी आलोचना की और सरकार से मांग की कि वह तुरंत अपराध के गुनाहगारों को इंसाफ के दायरे में लेकर आए।
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