इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विदोदो ने कहा है कि विश्व के इस सबसे बड़े मुस्लिम देश में इस्लामिक स्टेट के लिए कोई जगह नहीं है। विदोदो ने यह बात ऐसे समय कही है जब दक्षिणपूर्व एशिया इस खतरनाक आतंकवादी संगठन के लिए अनुकूल जगह बनता जा रहा है। विदोदो ने सोमवार (12 दिसंबर) से शुरू होने वाली भारत की अपनी राजकीय यात्रा से पहले कहा, ‘इंडोनेशिया सभी तरह के अतिवाद और हिंसा का विरोध करता है।’ उन्होंने कहा, ‘आईएसआईएस के लिए इंडोनेशिया में कोई जगह नहीं है।’ उन्होंने कहा कि उनका देश अतिवादियों से लड़ने में कानून प्रवर्तन एवं कानून के जरिये उच्च शक्ति के साथ ही साथ धार्मिक एवं सांस्कृतिक रुख के जरिये एक नम्र शक्ति के तौर पर एक व्यापक रुख अपनाता है।’ उन्होंने कहा, ‘इंडोनेशिया आतंकवाद से मुकाबले में सभी देशों के साथ हमेशा ही सहयोग करेगा।’ उन्होंने कहा कि ऐसा सहयोग सूचना के अदान प्रदान के साथ ही गुप्तचर सूचना के अदान प्रदान और सहयोग से होगा।
विदोदो की टिप्पणी सिंगापुर के गृहमंत्री के षणमुगम की गत सप्ताह की उस टिप्पणी की पृष्ठभूमि में आयी है कि आतंकवादी समूह आईएसआईएस की अतिवादी विचारधारा विस्तारित हुई है और इसने दक्षिणपूर्व एशिया में जड़े जमा ली हैं। गत वर्ष के अंत में इंडोनेशिया में एक हमले के एक स्पष्ट संकेत का पता लगा था और कई व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया था। राजधानी जकार्ता में गत जनवरी में बमों से हमला हुआ था जिसमें आठ व्यक्ति मारे गए थे। यद्यपि विदोदो ने संकेत दिया कि इंडोनेशिया में आईएसआईएस से सहानुभूति रखने वालों की संख्या नाममात्र की है। उन्होंने कहा, ‘कुल मिलाकर इंडोनेशिया में इस्लाम एक नरमपंथी धारा है। यद्यपि हम इस खतरे (आतंकवाद और कट्टरपंथ) से न केवल सुरक्षा और विधिक उपायों से निपट रहे हैं बल्कि अतिवाद से मुकाबले के लिए धार्मिक समूहों के साथ काम कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हम अंतरराष्ट्रीय मंचों जैसे संयुक्त राष्ट्र वैश्विक आतंकवाद निरोधक रणनीति और वैश्विक आतंकवाद निरोधक मंच के साथ एक सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।’