The Trump Organization: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत को ‘डेड इकोनॉमी’ बताते हैं। ट्रंप को भारत के रूस और चीन के साथ कारोबार करने पर बहुत ज्यादा नाराजगी है लेकिन उनके परिवार की कंपनी The Trump Organization के लिए भारत अमेरिका के बाहर सबसे बड़ा बाजार बन गया है। भारत के Real Estate मार्केट में The Trump Organization लगातार अपने कारोबार का विस्तार कर रही है।

ट्रंप के अमेरिका में पहली बार राष्ट्रपति बनने के बाद से भारत में उनकी कंपनी के Real Estate के कारोबार में तीन गुना बढ़ोतरी हो गई है।

द इंडियन एक्सप्रेस ने रिकॉर्ड्स के हवाले से लिखा है कि The Trump Organization ने भारत में कई बड़े बिल्डर्स के साथ साझेदारी की और मुंबई, पुणे, कोलकाता और गुरुग्राम में 7 प्रोजेक्ट्स से 175 करोड़ रुपये कमाए।

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बताना जरूरी होगा कि ट्रंप लगातार भारत को टैरिफ बढ़ाने की धमकी दे रहे हैं लेकिन उनकी कंपनी भारत में लगातार अपने कारोबार को भी बढ़ा रही है। 5 नवंबर 2024 को जब ट्रंप दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति बने, उसके बाद से उनकी कंपनी ने अपने भारतीय पार्टनर Tribeca Developers के साथ मिलकर गुरुग्राम, पुणे, हैदराबाद, मुंबई, नोएडा और बेंगलुरु में 6 नए प्रोजेक्ट पर काम किया है। यह कुल काम 80 लाख स्क्वायर फुट जमीन पर होगा। इनमें से 3 प्रोजेक्ट – पुणे, गुरुग्राम और हैदराबाद, में इस साल शुरू भी हो चुके हैं। इन प्रोजेक्ट्स के तहत 4.3 मिलियन स्क्वायर फुट पर काम हो रहा है।

The Trump Organization ने अभी तक उसे भारत में रियल एस्टेट के कारोबार से कितनी कमाई हुई है, इस बारे में नहीं बताया है लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि बिल्डर्स के साथ पार्टनरशिप करने के बाद ट्रंप एंटरप्राइजेज को दुनिया की तेजी से बढ़ती इकोनॉमी में अपने पांव फैलाने का मौका मिला है और उसकी आय में भी इजाफा हुआ है।

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11 मिलियन स्क्वायर फुट तक हो जाएगा कारोबार

2012 में The Trump Organization ने भारत में पहले प्रोजेक्ट का ऐलान किया था और जब तक यह प्रोजेक्ट पूरे होंगे तब तक ट्रंप का भारत में कुल रियल एस्टेट कारोबार 3 मिलियन से बढ़कर 11 मिलियन स्क्वायर फुट हो जाएगा। Tribeca Developers का कहना है कि ये प्रोजेक्ट्स कम से कम 15,000 करोड़ रुपये तक में बेचे जा सकते हैं। Tribeca Developers कल्पेश मेहता के नेतृत्व वाली कंपनी है और यह भारत में The Trump Organization की ऑफिशियल पार्टनर है।

पैसा निवेश नहीं करती कंपनी

एक दिलचस्प बात यह है कि The Trump Organization कंस्ट्रक्शन के काम में सीधे पैसा निवेश नहीं करती। यह सिर्फ अपने ब्रांड का नाम देती है और इसके बदले में वह लाइसेंस फीस या डेवलपमेंट फीस लेती है या फिर प्रोजेक्ट्स की कुल बिक्री में से 3 से 5% शेयर लेती है। इस तरह की संपत्तियां लग्जरी डेवलपमेंट की होती हैं और क्योंकि इसमें ट्रंप का नाम लगा हुआ है इसलिए इन प्रॉपर्टीज की कीमत काफी ज्यादा होती हैं।

भारत में कौन कर रहा है इन प्रोजेक्ट्स पर काम?

भारत में इन प्रोजेक्ट पर काम करने वालों में मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल), लोढ़ा ग्रुप, एम3एम ग्रुप, पंचशील रियल्टी, आईआरए इंफ्रा और यूनिमार्क जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं।

द इंडियन एक्सप्रेस ने इस रिपोर्ट के लिए रिलायंस ग्रुप, ट्रिबेका डेवलपर्स, एम3एम ग्रुप, यूनिमार्क ग्रुप और पंचशील ग्रुप के साथ-साथ The Trump Organization से भी संपर्क किया लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। लोढ़ा ग्रुप ने कहा कि वह फिलहाल ट्रंप-ब्रांडेड किसी भी प्रोजेक्ट्स के लिए कोई योजना नहीं बना रहा है।

The Trump Organization को डोनाल्ड ट्रंप ने बनाया था। इसके वाइस प्रेसीडेंट उनके बेटे डोनाल्ड जे. ट्रंप जूनियर और एरिक ट्रंप हैं। 2017 तक डोनाल्ड ट्रंप इसके प्रेसीडेंट और सीईओ थे लेकिन अमेरिका का राष्ट्रपति चुने जाने के बाद उन्होंने इसके मैनेजमेंट से इस्तीफा दे दिया था।

एक ट्रस्ट के जरिए उनके पास The Trump Organization की मेजोरिटी ओनरशिप है और 2021 के बाद से वह इसके चेयरमैन हैं। 14 नवंबर, 2024 को दूसरी बार अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद से भारत में चार कंपनियां शुरू की गई। यह कंपनियां DT Marks Noida 94 LLC, DT Marks Gurgaon 111 LLC, DT Marks Gurgaon 69 LLC और DT Marks Pune Mundhwa LLC हैं।

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कितना पैसा मिला?

2024 में The Trump Organization को भारत से 12 मिलियन डॉलर मिले। इसमें से 10 मिलियन डॉलर Reliance 4IR Realty से ‘डेवलपमेंट फीस’ के रूप में आया। बचा हुआ 2.2 मिलियन डॉलर ट्राइबेका, M3M, लोढ़ा, यूनिमार्क और RDB ग्रुप ने लाइसेंस और रॉयल्टी फीस के रूप में गुरुग्राम, मुंबई और कोलकाता की प्रॉपर्टीज के लिए दिया।

11.3 मिलियन डॉलर की कमाई

2017 में जब ट्रंप पहली बार अमेरिका के राष्ट्रपति बने तो उस समय The Trump Organization ने कोलकाता और गुरुग्राम में दो रियल एस्टेट प्रोजेक्ट में काम शुरू किया। इससे पहले इसने पुणे (2012) और मुंबई (2013) में एक-एक प्रोजेक्ट को अपना नाम दिया था। आंकड़ों के मुताबिक, 2012-2019 के बीच भारत के चार प्रोजेक्ट्स से इस कंपनी ने लगभग 11.3 मिलियन डॉलर कमाए।

किस प्रोजेक्ट्स पर कितना काम हुआ?

भारत में ट्रंप ब्रांड वाले 13 प्रोजेक्ट्स में से दो पूरे हो चुके हैं, दो पूरे होने वाले हैं, तीन अपने शुरुआती फेज में हैं और तीन अभी लॉन्च का इंतजार कर रहे हैं। दो प्रोजेक्ट्स पर काम रुका हुआ है और Reliance 4IR के एक प्रोजेक्ट को लेकर ऐलान किया जाना बाकी है।

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