विश्व के सबसे ताकतवर राष्ट्राध्यक्ष बराक ओबामा की किसी और ग्लोबल राजनेता से वैसी दोस्ती नहीं है, जैसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ है। दोनों के बीच कमाल की ‘केमिस्ट्री’ है जो मंगलवार को भी दिखाई देगी जब मोदी दूसरी बार व्हाइट हाउस पहुंचेंगे। यह इन दोनों नेताओं की सातवीं मुलाकात होगी।
विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्रों के नेताओं के पास नजदीक आने की एक जैसी वजह है। एक तरफ जहां अमेरिका, एशिया में चीन की ताकत को काउंटर करने के लिए भारत को सहयोगी के रूप में उभार रहा है। वहीं भारत अपनी अर्थव्यवस्था को अमेरिकी कंपनियों के निवेश से सरपट दौड़ाना चाहता है।
Read more: ओबामा का पहला मस्जिद दौरा, कहा- जब तक मैं राष्ट्रपति हूं, मुसलमानों को डरने की जरूरत नहीं
पिछले महीने एक इंटरव्यू में मोदी ने कहा था, “यह सच है कि ओबामा और मैं बहुत खास दोस्त हैं। हम दोनों की वेवलेंथ बहुत स्पेशल है।” भारत दौरे पर आए ओबामा ने भी मोदी को अपना ‘दोस्त’ बताया था। शनिवार को अमेरिकी राष्ट्रपति के रणनीतकि संचार के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बेंजामिन रोडस ने कहा कि दोनों नेताओं ने “गहरी दोस्ती के लिए पहल की।”
बेंजामिन ने कहा, “2014 से, राष्ट्रपति ओबामा और पीएम मोदी के बीच 6 बार मुलाकात हो चुकी है। दोनों के बीच फोन पर अनगिनत बार बात हुई है। यह दर्शाता है कि दोनों नेताओं ने कितना सार्थक गठबंधन तैयार किया है।”
मोदी को ओबामा ने अपना कार्यकाल खत्म होने से पहले एक बार आने का न्योता दिया था, जिसे मोदी ने कबूल कर लिया। प्रधानमंत्री कांग्रेस के दोनों सदनों को सम्बोधित करेंगे जिसे बहुत सम्मान की बात माना जाता है।