Allegation Twitter to put ‘agent’ on payroll: अमेरिकी नियामकों के साथ व्हिसलब्लोअर खुलासे में ट्विटर के एक पूर्व वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी ने आरोप लगाया है कि भारत सरकार ने सोशल मीडिया कंपनी को एक या एक से अधिक ऐसे लोगों को भर्ती करने के लिए “मजबूर” किया, जो “सरकारी एजेंट” थे और जिनके पास बड़ी मात्रा में प्लेटफॉर्म के यूजर डेटा तक पहुंच थी। कंपनी के कंटेंट ब्लॉकिंग ऑर्डर को लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (MeitY) के साथ कानूनी चुनौती के बीच यह आरोप सामने आए हैं।

ट्विटर पर सुरक्षा के पूर्व प्रमुख पीटर ‘मुडगे’ ज़टको ने अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग (SEC) के साथ दायर अपनी शिकायत में कहा, “कंपनी ने वास्तव में यूजरों को यह नहीं बताया कि कार्यकारी टीम समझ रही थी कि भारत सरकार कंपनी के पेरोल पर एजेंटों को रखने में सफल रही है।”

ट्विटर ने कहा- अधिकारी को उनके खराब प्रदर्शन की वजह से निकाल दिया गया था

उन्होंने आरोप लगाया कि कंपनी ने “जानबूझकर” “भारत सरकार के एक एजेंट को कंपनी के सिस्टम और यूजर डेटा तक सीधे असुरक्षित पहुंच की अनुमति दी।” ट्विटर प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि ज़टको को जनवरी में कंपनी में उनके “अप्रभावी नेतृत्व और खराब प्रदर्शन” की वजह से निकाल दिया गया था।

उन्होंने कहा, “हमने अब तक जो देखा है वह ट्विटर और हमारी गोपनीयता और डेटा सिक्योरिटी प्रैक्टिसेस के बारे में एक झूठी धारणा है, जो विसंगतियों और अशुद्धियों से भरा हुआ है और इसमें महत्वपूर्ण संदर्भों की कमी है। ज़टको के आरोप और अवसरवादी समय से ऐसा लगता है जैसे ये ट्विटर, उसके ग्राहकों और उसके शेयरधारकों पर ध्यान आकर्षित करने और उनको नुकसान पहुंचाने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। सुरक्षा और गोपनीयता लंबे समय से ट्विटर पर कंपनी की प्राथमिकता रही है और आगे भी रहेगी।”

पिछले साल फरवरी में, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (MeitY) ने सूचना प्रौद्योगिकी नियम, 2021 को अधिसूचित किया था। इन नियमों ने सोशल मीडिया कंपनियों को महत्वपूर्ण कर्मचारियों को रखने के लिए अनिवार्य कर दिया। इनमें नोडल अधिकारी – जो पूरी तरह से कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ जांच में सहायता करने के लिए संपर्क करेंगे, शामिल हैं। कंपनियों को एक अनुपालन अधिकारी को नियुक्त करने की भी जरूरत थी, जो नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करेगा, और एक शिकायत अधिकारी, जो उपयोगकर्ता की शिकायतों का समाधान करेगा।