Noshir Gowadia Kon Hai: अमेरिका की B2 स्टील्थ बॉम्बर ने ईरान में भारी तबाही मचाई है, इस विमान से जो बम गिराए गए, उसने ईरान की तीन न्यूक्लियर साइट्स को काफी नुकसान पहुंचाय। उस एक एक्शन के बाद से ही अमेरिका के स्टील्थ बॉम्बर पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन चुके हैं। इस विमान की सबसे बड़ी खासियत है कि यह किसी के भी रडार में नहीं आता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि जिस विमान की आज पूरी दुनिया इतनी तारीफ कर रही है उसका कनेक्शन एक भारतीय इंजीनियर से है।

नौशीर गोवाडिया कौन हैं?

इस भारतीय इंजीनियर का नाम नौशीर गोवाडिया है जो इस समय अमेरिका के कोलोराडो के सुपर मैक्स जेल में सजा काट रहे हैं। नोशीर का जन्म 11 अप्रैल 1944 को मुंबई में हुआ था। बचपन से ही पढ़ाई में नौशीर काफी तेज थे, मात्र 15 साल की उम्र में उन्होंने इंजीनियरिंग पीएचडी कर डाली थी। इसके बाद अमेरिका एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने भी चले गए थे। उनकी इंजीनियरिंग की पढ़ाई के तुरंत बाद नॉथ्रुप कॉर्पोरेशन में उनकी नौकरी लग गई। उस जमाने में यह कंपनी एयरोस्पेस के साथ डिफेंस कॉन्ट्रैक्ट में एक बड़ा नाम थी।

यह वो दौर भी था जब अमेरिका को वियतनाम के सामने भारी संघर्ष करना पड़ा, उसके कई विमानों का नुकसान हुआ। ऐसे में अमेरिका को ऐसे विमान की दरकार थी जो किसी भी दुश्मन देश के रडार पर ना आए और हमला इतना सटीक हो कि सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया जा सके।

कैसे तैयार हुआ बी 2 बॉम्बर?

अमेरिका की इसी जरूरत को पूरा करने की जिम्मेदारी नौशीर की टीम के पास थी, खुद नौशीर एडवांस एयरोस्पेस का काफी अध्ययन कर चुके थे। अब नौशीर की एक मदद की वजह से अमेरिका को खास तकनीक तो मिल गई, लेकिन खुद नौशीर को इससे ज्यादा फायदा नहीं पहुंचा। पैसों की कमी से वे जूझते रहे और इसी वजह से जहां वे नौकरी कर रहे थे, वहां उनके रिश्ते खराब होते चले गए।

इसके बाद 1986 में उन्होंने अपनी कंपनी छोड़कर खुद का काम शुरू कर दिया। उन्होंने एयर डिफेंस कंसलटिंग नाम से एक नई कंपनी खोली, लेकिन वहां भी उनकी किस्मत नहीं चमकी और उन्हें एक गंभीर बीमारी हो गई। उस बीमारी के बाद एक डील में भी उन्हें भारी नुकसान हुआ और एक बड़ा कॉन्ट्रैक्ट रद्द हो गया।

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चीन के लिए एक जासूसी पड़ी भारी

यानी कि पिछली कंपनी में उन्हें पैसे नहीं मिले तो वही खुद की कंपनी भी ज्यादा समय तक नहीं चल पाई। लेकिन यह वो वक्त था जब अमेरिका में कई सारे चीन के एजेंट भी सक्रिय रूप से काम कर रहे थे। उन्हें कहीं से पता चल गया कि नौशीर वही शख्स हैं जिसकी मदद से अमेरिका ने वो खास विमान बनाया है।

31 साल की जेल की सजा

कई रिपोर्ट्स में बताया गया है कि इसके बाद ही नौशीर चीन चले गए और वहां करीब 6 शहरों में उन्होंने काम किया। उस दौरान उनकी तरफ से वो सीक्रेट इनफॉरमेशन भी लीक की गई जिसके दम पर अमेरिका में वो खास विमान तैयार किया गया था। लेकिन ज्यादा सालों तक नौशीर चीन के लिए भी काम नहीं कर पाए और उनकी करतूत के बारे में अमेरिकी एजेंसी एफबीआई को भनक लग गई और फिर 2005 में वे गिरफ्तार हो गए। बाद में कोर्ट ने भी सभी आरोपों को सही माना और 2011 में नोशीर को 31 साल की सजा सुना दी गई। जानकार मानते हैं कि नौशीर ने चीन की जो मदद की है, उसके दम पर वो भी बहुत जल्द स्टील्थ बाबर विमान उड़ता हुआ दिख सकता है।

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