लगभग 70 सालों तक थाईलैंड पर शासन करने वाले राजा भूमिबोल अतुल्यतेज का 88 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। समाचार एजेंसी एपी के अनुसार, राजमहल से जारी एक बयान में इसकी जानकारी दी गई है। भूमिबोल लंबे समय से बीमार चल रहे थे। राम IX के नाम से जाने जाने वाले राजा भूमिबोल चकरी वंश के थे। उन्होंने बिखरे पड़े थाईलैंड को एकजुट करने का श्रेय दिया जाता है। एक तरफ जहां उन्होंने शहरी और ग्रामीण जनसंख्या की जरूरतों को समझा वहीं, राष्ट्र की विभाजित राजनैतिक पार्टियों के बीच लड़ाई को भी नियंत्रित किया। उन्होंने दर्जन भर विद्राेहों के बावजूद राजशाही का प्रभाव बनाए रखा। सैन्य शासन और प्रदर्शनकारियों की हत्या के बीच भूमिबोल का राष्ट्र पर प्रभाव स्पष्ट था। उन्हें अक्सर ‘लोगों का राजा’ कहा जाता है। उनके बहुप्रचारित सामाजिक कार्य और विकास कार्यक्रमों की वजह से उन्हें देवता-तुल्य दर्जा प्राप्त है, ऐसे में थाईलैंड में राजपरिवार के प्रति वफादारी के चलते उनकी विरासत लंबे समय तक सहेज कर रखी जाएगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज थाइलैंड के राजा भूमिबोल अदुल्यदेज के निधन पर शोक जताया । मोदी ने दिवंगत अदुल्यदेज को मौजूदा समय के ‘‘सबसे बड़े नेताओं में से एक’’ करार दिया। मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘भारत के लोग और मैं हमारे समय के सबसे बड़े नेताओं में से एक राजा भूमिबोल के निधन पर थाइलैंड के लोगों के शोक में बराबर के साझीदार हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘राजा भूमिबोल अदुल्यदेज या रामा 9 का उनके लोग काफी सम्मान करते थे। मेरी संवेदनाएं उनके अनगिनत शुभचिंतकों एवं परिवार के साथ हैं।’’
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इतिहास में कुछ ही राजाओं ने जनता से उतना प्यार पाया है जितना भूमिबोल को मिला। उन्हें पोट्रेट देशभर के घरों के लिविंग रूम, दुकानों और सार्वजनिक स्थानों पर देख जा सकते हैं।