पिछले सप्ताह कैलिफोर्निया में पति के साथ मिल कर 14 लोगों को भून डालने वाली तश्फीन मलिक ने मुल्तान (पाकिस्तान) के अल-हुदा मदरसे में ट्रेनिंग ली थी। इस मदरसे के एक मौलवी ने यह बात बताई। यह मदरसा केवल लड़कियों के लिए है। इसकी ब्रांच अमेरिका, यूएई, भारत और यूके में भी हैं। 29 साल की तश्फीन का नाम मदरसे में मुकद्दस लिखवाया गया था। इस मदरसे से आतंकी का नाम पहली बार जुड़ा है। लेकिन हाल में इस बात को लेकर इसकी आलोचना होती रही है कि इसके विचार तालिबान से मेल खाते हैं।
तश्फीन के बारे में जांचकर्ताओं को शक है कि उसने ही अपने पति फारूक को आतंकवादी बनाया होगा। वह ‘फियांसी वीजा’ पर अमेरिका गई थी।
उसके टीचर ने बताया कि उसने दो साल के कोर्स में दाखिला लिया था, लेकिन उसे पूरा करने से पहले ही मदरसा छोड़ गई थी। उन्होंने कहा, ‘वह अच्छी लड़की थी। उसने क्यों पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी और उसके साथ क्या हुआ, इस बारे में मुझे कुछ पता नहीं है।’ टीचर ने यह नहीं बताया कि वह किस साल कोर्स करने आई थी। लेकिन बहाउद्दीन जकारिया यूनिवर्सिटी में उसके साथ पढ़ाई करने वालों ने बताया कि तश्फीन यूनिवर्सिटी में अपनी क्लास पूरी करने के बाद मदरसा जाती थी। वह यूनिवर्सिटी में 2007 से 2012 के बीच थी। अल-हुदा की प्रवक्ता फर्रुख सलीम का कहना है कि वह पता कर रही हैं कि तफ्शीन ने रेगुलर स्टूडेंट के तौर पर मदरसे में दाखिला लिया था या ऐसे ही आई थी।
अल-हुदा की स्थापना 1994 में हुई थी। यह देश के महिलाओं के लिए नामचीन मदरसों में से एक है। यह पाकिस्तान की मध्य और उच्च वर्ग की लड़कियों को ही दाखिला देता है।