तालिबान (Taliban) ने अफगानिस्तान (Afghanistan) के दो प्रांतों में महिलाओं के ईद समारोह में शामिल होने पर प्रतिबंध लगा दिया है। ये घोषणा तब आई जब तालिबान ने अपने शासन के तहत महिलाओं पर कठोर प्रतिबंध लगाना जारी रखा है। अफगानिस्तान की खामा न्यूज एजेंसी ने बताया कि दो अधिसूचनाओं के अनुसार शुक्रवार को तखार (northeast) और बगलान (north) प्रांतों में महिलाओं को ईद-उल-फितर के दिनों में ग्रुप में बाहर जाने पर रोक लगा दी गई है।

तालिबान की ओर से जारी फरमान में यह भी कहा गया है कि ईद की नमाज में तालिबान के समावेशी सर्वोच्च नेता हिबतुल्ला अखुंदजादा (Hibatullah Akhundzada) का उल्लेख करना अनिवार्य है। शासन की ओर से जारी अधिसूचना की कॉपी को नातीक मलिकजादा नाम के एक स्वतंत्र पत्रकार ने ट्वीट किया।

इस महीने की शुरुआत में तालिबान ने उत्तर-पश्चिमी प्रांत हेरात में बगीचों या हरे-भरे स्थानों वाले रेस्तरां में परिवारों और महिलाओं के प्रवेश पर रोक लगा दी थी। एक अधिकारी के अनुसार धार्मिक विद्वानों और जनता द्वारा ऐसी जगहों पर महिलाओं और पुरुषों के इकठ्ठा होने की कई शिकायतों के परिणामस्वरूप यह कदम उठाया गया था।

वहीं आउटडोर डाइनिंग प्रतिबंध केवल हेरात में प्रतिष्ठानों पर लागू है, जहां ऐसे परिसर पुरुषों के लिए खुले होते हैं। अधिकारियों के अनुसार महिलाओं के हिजाब (Islamic headscarf) ठीक से नहीं पहनने के कारण यह प्रतिबंध लागू हैं।

अगस्त 2021 में तालिबान ने अफगानिस्तान से अमेरिकी नेतृत्व वाली सेना की वापसी के बाद सत्ता पर कब्जा कर लिया, जिससे दो दशक का युद्ध समाप्त हो गया। तब से तालिबान ने लड़कियों और महिलाओं की स्वतंत्रता पर नियंत्रण कड़ा कर दिया। इन कदमों के कारण तालिबान की दुनिया भर के देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने निंदा की। छठी कक्षा से आगे की लड़कियों और महिलाओं को क्रमशः कक्षाओं और विश्वविद्यालयों में प्रवेश करने से रोक दिया गया है।

तालिबान शासन में महिलाओं पर कई प्रकार के प्रतिबन्ध लग चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र सहित महिलाओं को नौकरी के अवसर लेने से भी तालिबान ने प्रतिबंधित किया गया है। साथ ही महिलाओं को जिम और पार्क जैसे सार्वजनिक स्थानों पर जाने की भी अनुमति नहीं है।