अफगानिस्तान में 20 साल बाद फिर तालिबान का कब्जा हो गया है। हालात बेहद खराब हो चले हैं। लोगों में तालिबान का खौफ इस कदर है कि वे जल्द से जल्द अफगानिस्तान छोड़ना चाहते हैं। लोगों के दिलों में तालिबान का पुराना बर्बर शासन लौटने का भय है। रविवार को काबुल में तालिबान के प्रवेश से पहले ही राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देश छोड़ दिया जिसके बाद अफगानिस्तान के भविष्य को लेकर अस्थिरता के बादल मंडरा रहे हैं। काबुल एयरपोर्ट पर देश छोड़ने वालों की भारी भीड़ देखी जा रही है। स्थिति ये है कि लोग विमान के टायर तक पकड़कर देश छोड़ना चाहते हैं। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने बताया कि हवाई अड्डे पर पांच लोगों की मौत हो गई।
एअर इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि काबुल हवाई अड्डे द्वारा अफगानिस्तान का हवाई क्षेत्र ‘अनियंत्रित’ घोषित किया गया है और उड़ानों से इस हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल करने से बचने को कहा गया है। जानकारों ने बताया कि बड़ी संख्या में भारतीय दूतावास में लोगों ने भारतीय वीजा के लिए आवेदन किया हुआ है। वहीं, एक सूत्र ने बताया कि शनिवार रात काबुल प्रांत के पगमान जिले में अज्ञात बंदूकधारियों के हमले में अफगान वायु सेना के एक कर्मी सेफतुल्लाह फकीर की मौत हो गई।
सूत्र ने बताया कि यह घटना पगमान जिले के बाग-ए-दाउद इलाके में हुई जब बंदूकधारियों ने वायुसेना कर्मी के वाहन पर हमला किया। पुलिस ने बताया कि घटना की जांच शुरू कर दी गई है। तालिबान सहित किसी भी समूह ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। शनिवार को भी काबुल जिले के काला-ए-घैबी में अज्ञात बंदूकधारियों ने राष्ट्रीय सुरक्षा निदेशालय (एनडीएस) के एक कर्मचारी जावेद मलिकजई की हत्या कर दी थी। परिजनों के मुताबिक घटना उस वक्त हुई जब वह ऑफिस जा रहे थे।
वहीं, अफगान पुलिस के एक पूर्व कर्मी रसूल खान मीडिया से बातचीत करते हुए रो पड़े। उन्होंने बताया कि अफगानिस्तान में लोग बहुत परेशान हैं। वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर जारी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी लोगों को कोई मदद नहीं पहुंच रही है।
बता दें कि आज एअर इंडिया ने सोमवार को पूर्वनिर्धारित अपनी एकमात्र दिल्ली-काबुल उड़ान को रद्द कर दिया ताकि अफगानिस्तान के हवाई क्षेत्र से बचा जा सके।
