अफगान तालिबान ने कथित रूप से इसके नेता मुल्ला अख्तर मंसूर का एक आॅडियो संदेश जारी किया है, जिसमें उन रिपोर्टों का खंडन किया है कि वह गोलीबारी में मारा गया है। इन खबरों को दुश्मनों का दुष्प्रचार बताया गया है। तालिबान के एक प्रवक्ता ने शनिवार को मीडिया को ई-मेल किए गए करीब 16 मिनट आॅडियो फाइल में बताया, ‘इन अफवाहों में कोई सच्चाई नहीं है कि मैं (पाकिस्तान में क्वेटा के पास) कुचलाक में घायल या मारा गया हूं।’ यह दुश्मनों का दुष्प्रचार है…. मैंने वर्षों से कुचलाक नहीं देखा है।’
अफगानिस्तान के खुफिया अधिकारियों व विद्रोहियों के कई सूत्रों ने दावा किया था कि मंगलवार को उग्रवादी कमांडरों की एक सभा में हुई भीषण गोलीबारी में मंसूर गंभीर रूप से घायल हो गया था। मंसूर के जिंदा रहने के बारे में अटकलें शुक्रवार को मीडिया के उन अपुष्ट रिपोर्टों से और गरमा गई थी, जिनमें दावा किया गया था कि उसकी मौत हो गई है।
विद्रोहियों द्वारा लगभग दो दशक तक इस्लामी आंदोलनों की कमान संभालने वाले तालिबान सरगना मुल्ला उमर की मौत की पुष्टि के बाद मंसूर को 31 जुलाई को तालिबान का नेता घोषित किया गया था। उमर की मौत को लगभग दो साल तक गुप्त रखा गया था।
लेकिन उग्रवादियों के ग्रुप में इसके बाद तुरंत दरार आ गई थी, क्योंकि कुछ शीर्ष नेताओं ने यह कहकर मंसूर के प्रति निष्ठा रखने से मना कर दिया था कि उसके चयन की प्रक्रिया जल्दीबाजी के साथ-साथ पक्षपातपूर्ण भी था।