अफगान-तालिबान वार्ताकारों ने पाकिस्तान से कहा है कि उन्हें अफगान सरकार के साथ शांति वार्ता के लिए खुद को तैयार करने की खातिर और अधिक समय की जरूरत है। मीडिया की एक रिपोर्ट में शनिवार (12 नवंबर) को बताया गया कि सोवियत जिहाद युग के प्रमुख नेतृत्वकर्ता, गुलबुद्दीन हिकमतयार द्वारा हिंसा को समाप्त करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद अफगान सरकार शांति वार्ता के लिए आतंकवादी समूह को तैयार करने की कोशिश कर रही है। एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के अनुसार, एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी की उपस्थिति में खाड़ी देश में एक वरिष्ठ तालिबान नेता के अफगान के खुफिया प्रमुख से मुलाकात करने की रिपोर्ट आने के बाद अक्तूबर में कतर स्थित तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के तीन वरिष्ठ सदस्य पाकिस्तान पहुंचे थे।
तालिबान के एक सूत्र के हवाले से अखबार ने लिखा, ‘तालिबान के प्रतिनिधियों ने पाकिस्तानी अधिकारियों को इस बात से अवगत करा दिया है कि उन्होंने काबुल प्रशासन के साथ वार्ता करने के बारे में अभी तक फैसला नहीं किया है।’ तालिबान के नेताओं ने कहा है कि वह सिर्फ यह बता सकते हैं कि दो या तीन महीनों के बाद वे वार्ता में शामिल होंगे या नहीं। तालिबान के अंदरूनी विचार-विमर्श से परिचित अन्य सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान ने वार्ताकारों से कहा है कि वह चाहता है कि तालिबान शांति प्रक्रिया में शामिल हो। ऐसा लग रहा है कि तालिबान के शांति वार्ता से इनकार करने से पाकिस्तान परेशान है और वह तालिबान पर शांति वार्ता पर उसके रुख की समीक्षा करने का दबाव बना सकता है।