तालिबान ने शनिवार को अफगानिस्तान की दूसरी प्रांतीय राजधानी शेबेरगान को अपने कब्जे में ले लिया। बीते 24 घंटे के अंदर अफगानिस्तान की प्रांतीय राजधानी पर तालिबान का यह दूसरा कब्ज़ा है। इससे पहले शुक्रवार को तालिबान ने निमरोज़ प्रांत की राजधानी ज़रंज पर कब्ज़ा कर लिया। प्रांतीय राजधानियों पर बढ़ते दखल के बाद अफगानिस्तान में किसी बड़ी लड़ाई की आहट तेज हो गई है।  

मई की शुरुआत से विदेशी सैनिकों की वापसी शुरू होते ही तालिबान ने अपने पैर पसारने शुरू कर दिए। तालिबान ने अफगानिस्तान के एक बड़े भुभाग पर कब्ज़ा कर लिया। साथ ही तालिबान ने अफगानिस्तान की प्रांतीय राजधानियों पर भी कब्ज़ा करना शुरू कर दिया है। इसके अलावा तालिबान ने अफगान सरकार से जुड़े लोगों की हत्या करनी भी शुरू कर दी है।

शुक्रवार को तालिबान ने काबुल में नमाज पढ़ रहे अफगान सरकार के मीडिया चीफ दावा ख़ान मेनापाल की हत्या कर दी। साथ ही तालिबान ने कई सामाजिक कार्यकर्ताओं, पत्रकारों, अधिकारियों, जजों और नेताओं की हत्या की है। पिछले दिनों तालिबान ने कॉमेडियन नज़र मोहम्मद उर्फ़ खाशा ज़्वान को घर से बाहर निकालकर मार डाला था। इसके अलावा तालिबान ने प्रसिद्ध इतिहासकार अब्दुल्ला आतिफी की भी हत्या कर दी थी।  

 

साल 2001 के बाद पहली बार अफगानिस्तान में तालिबान ने उत्तर, उत्तर-पूर्व और मध्य प्रांतों समेत कई बड़े क्षेत्र पर कब्ज़ा जमा लिया है। इससे पहले कभी भी अफगानिस्तान में तालिबान का कब्ज़ा इतने बड़े इलाकों में नहीं रहा। तालिबान की हिंसा की वजह से सिर्फ 7 महीने में करीब 1600 नागरिक मारे गए हैं और कई लाख लोगों को अपना घर छोड़ कर विस्थापित होना पड़ा है। यह आंकड़ा जुलाई के अंतिम तक का ही है।

बड़े भूभाग पर कब्जे के बाद अब तालिबान की नजर हेरात, कंधार और लश्कर गाह जैसे बड़े शहरों पर है। अफगानिस्तान के इलाकों पर कब्जे के बाद अब तालिबान सत्ता की तरफ बढ़ने की कोशिश कर रहा है। तालिबान वर्तमान में अशरफ गनी के नेतृत्व में चल रही उदारवादी सरकार को हटाकर इस्लामी शासन लागू करना चाहता है।