तालिबान अफगानिस्तान के बड़े शहरों पर लगातार कब्जा करता जा रहा है। बीते शुक्रवार से अब तक चरमपंथी संगठन ने देश के 8 सूबों की राजधानियों को अपने कब्जे में ले लिया है। वहीं, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने बुधवार को उत्तरी शहर मजार-ए-शरीफ के लिए उड़ान भरी। मजार में, गनी ने अट्टा मोहम्मद नूर और अब्दुल राशिद दोस्तम के साथ शहर की रक्षा के बारे में बातचीत की।
अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी तालिबान के कब्जे वाले इलाके से घिरे बाल्ख सूबा गए हैं ताकि तालिबान को पीछे धकेलने के लिए स्थानीय सरदारों से मदद मांगी जा सके। बता दें कि अफगानिस्तान के पूर्वोत्तर हिस्से पर चरमपंथी संगठन का पूर्ण कब्जा हो गया है। यह जानकारी अधिकारियों ने बुधवार को दी। इसके साथ ही अब तालिबान के कब्जे में अफगानिस्तान का दो तिहाई हिस्सा चला गया है। तालिबान का कब्जा दो दशक की लड़ाई के बाद अमेरिकी और नाटो सैनिकों की अंतिम वापसी के बीच हुआ है।
पूर्वोत्तर में बदकशान और बगलान सूबे की राजधानी से लेकर पश्चिम में फराह प्रांत तक तालिबान के कब्जे में चला गया है जिससे देश की संघीय सरकार पर अपनी स्थिति मजबूत करने का दबाव बढ़ गया है क्योंकि कुंदुज प्रांत का अहम ठिकाना भी उसकी हाथ से निकल गया है।
तालिबान की बढ़त से फिलहाल काबुल पर सीधे तौर पर खतरा नहीं है लेकिन उसकी गति से सवाल पैदा हो रहे हैं कि अफगान सरकार कब तक अपने दूर दराज के इलाकों पर नियंत्रण रख सकेगी। कई मोर्चों पर सरकार के विशेष कार्रवाई बलों के साथ लड़ाई चल रही है जबकि नियमित सैनिकों के लड़ाई के मैदान से भागने की खबरे भी आ रही हैं। हिंसा की वजह से हजारों की संख्या में लोग शरण के लिए राजधानी पहुंच रहे हैं।
इस महीने के अंत तक अपने सैनिकों की वापसी पूरा करने वाला अमेरिका कुछ हवाई हमले कर रहा है लेकिन खुद को जमीनी लड़ाई में शामिल करने से बच रहा है। अफगान सरकार और सेना ने प्रतिक्रिया मांगे जाने के बाद इन हार पर टिप्पणी नहीं की है।
पश्चिमी सूबे फराह के सांसद हुमायूं शहीदजादा ने बुधवार को एसोसिएटेड प्रेस के समक्ष पुष्टि की कि फराह नाम से ही जानी जाने वाली सूबे की राजधानी तालिबान के कब्जे में चली गई है। हाल में पड़ोसी सूबे निमरोज पर तालिबान ने एक सप्ताह के अभियान पर कब्जा कर लिया था।