सीरिया में लंबे समय से आतंकवादी संगठन आईएसआईएस के खिलाफ चल रही जंग ने वहां के आम लोगों का बड़े पैमाने पर नुकसान किया है। सुरक्षा बलों और आईएस के बीच चल रही जंग ने आम लोगों के जीवन पर सबसे ज्यादा असर डाला है लेकिन इसमें सबसे ज्यादा नुकसान वहां पर रहने वाले बच्चों का हुआ है। युनाइटेड नेशन्स चिल्ड्रन्स फंड (युनिसेफ) ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि सीरिया में लगभग 5 लाख बच्चे हिंसा के कारण जंग के माहौल में जीने को मजबूर हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक लगभग 5 लाख बच्चे 16 ऐसी जगहों पर फंसे हुए हैं जिनकी जंग की वजह से घेराबंदी की गई है। घेराबंदी होने से इन इलाकों में पहुंचने वाली जरूरी सामग्री की सप्लाई भी रोकी हुई है। यह घेराबंदी आतंकियों पर काबू पाने की कोशिश में की गई है लेकिन इसका असर बच्चों पर ज्यादा पड़ रहा है। युनिसेफ के ऐक्जिक्युटिव डायरेक्टर एंथनी लेक ने कहा है कि इस जंग में बच्चे बुरी तरह से घायल हो रहे हैं और मारे जा रहे हैं। बच्चों को मुश्किल से ही थोड़ा-बहुत खाना और दवाइयां मिल पा रही है। इसके अलावा बच्चों को स्कूल या फिर घर के बाहर खेलने जाने में भी डर लगता है।
इसी के चलते बच्चे तहखानों में रहकर ही अपनी पढ़ाई और खेलकूद जैसी गतिविधियों को पूरा करने को मजबूर हैं। ऐसे ही एक युद्ध प्रभावित इलाके में कुछ लोगों ने जमीन के नीचे ही बच्चों के खेलने और पढ़ाई के लिए कई तहखानों को जोड़कर मैदान बना लिया है। एक अनुमान के मुताबिक इस जगह पर रोज लगभग 200 बच्चे आते हैं। कोई सुरक्षित जगह न मिल पाने की वजह से बच्चे खुले मैदान में या अपने घरों में भी खेलने से डरते हैं।
इन हालात को देखते हुए युनिसेफ ने यह मांग उठाई है कि सीरिया के इलाकों की घेराबंदी को खत्म किया जाए ताकी बच्चों तक जरूरी सामग्रियां पहुंचाई जा सके। सीरिया में आतंकी संगठन आईएस के खिलाफ युद्ध के 6 साल पूरे होने वाले हैं।