सीरिया में रविवार को विद्रोहियों ने राजधानी दमिश्क में घुसकर असद परिवार के 50 साल के शासन का अंत कर दिया। रूस की समाचार एजेंसियों की खबरों के अनुसार सीरिया के अपदस्थ राष्ट्रपति बशर अल-असद ने अपने परिवार के साथ रूस में शरण ली है। वहीं, सीरिया के विद्रोही नेता ने दमिश्क की एक ऐतिहासिक मस्जिद से अपनी ऐतिहासिक जीत की घोषणा की है।
अबू मोहम्मद अल-जोलानी के नेतृत्व में इस्लामी समूह हयात तहरीर अल-शाम (HTS) ने दो सप्ताह से भी कम समय तक चले संघर्ष में राजधानी पर सफलतापूर्वक कब्ज़ा कर लिया। जोलानी का संदेश क्षेत्रीय शक्तियों के लिए भी था। उसने कहा, “सीरिया को शुद्ध किया जा रहा है।”
जोलानी ने नार्को-स्टेट के रूप में देश की क्षेत्रीय प्रतिष्ठा का जिक्र करते हुए कहा कि असद का सीरिया ‘कैप्टागॉन’ (एक एम्फ़ैटेमिन-प्रकार की दवा) और पूरे क्षेत्र में अपराध का दुनिया का प्रमुख स्रोत बन गया है।
यह जीत पूरे इस्लामी राष्ट्र की जीत- जोलानी
विद्रोही नेता ने आगे कहा, “मेरे भाइयों, यह जीत सर्वशक्तिमान ईश्वर की कृपा से शहीदों, विधवाओं और अनाथों के बलिदान से मिली है। यह उन लोगों की पीड़ा के माध्यम से मिली है जिन्होंने कारावास सहा है।” यह उन लोगों के लिए एक आह्वान था जिन्होंने असद के शासन के खिलाफ संघर्ष में कठिनाई सहन की थी।
अपने छोटे से दल को संबोधित करते हुए जोलानी ने घोषणा की, “मेरे भाइयों, यह जीत पूरे इस्लामी राष्ट्र की जीत है।” उसका संदेश उनके लिए था जिन्होंने जोलानी और उसके समूह हयात तहरीर अल-शाम को सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद को हटाने में सफलता दिलाने में मदद की। साथ ही यह संदेश उन सीरियाई लोगों के लिए भी था जो अब असद के शासन से मुक्त हो चुके हैं।
अबू मोहम्मद अल-जोलानी की दमिश्क तक की यात्रा एक लंबी और परिवर्तनकारी यात्रा रही है, जिसमें दो दशक पहले एक युवा अल-कायदा लड़ाके से लेकर सांप्रदायिक सहिष्णुता की वकालत करने वाले विद्रोही कमांडर तक का सफर शामिल है। जोलानी ने अपने पहले भाषण के लिए दमिश्क में उमय्यद मस्जिद को चुना जो दुनिया की सबसे पुरानी मस्जिदों में से एक है।
सीरिया में असद परिवार के 50 साल के शासन का अंत
सीरिया की राजधानी दमिश्क पर विद्रोहियों के कब्जे के साथ ही असद परिवार के 50 वर्ष के शासन का अंत हो गया है। दमिश्क में चौराहों पर जश्न मनाती हुई भीड़ इकट्ठा हुई और सीरियाई क्रांतिकारी ध्वज लहराया। असद और अन्य शीर्ष अधिकारियों की कोई खबर न होने के बाद अनेक लोगों ने राष्ट्रपति भवन और असद परिवार के आवास में तोड़फोड़ की। वहीं, रूस ने कहा कि असद ने विद्रोही समूहों के साथ बातचीत के बाद देश छोड़ दिया और उन्होंने शांतिपूर्वक सत्ता हस्तांतरण के निर्देश दिए थे। अबू मोहम्मद अल-गोलानी सबसे बड़े विद्रोही गुट का नेता है और वह अब देश के भविष्य की दिशा तय करेगा। पढ़ें- सीरिया में अब क्या होने वाला है, असद के एग्जिट के बाद किस दिशा में आगे बढ़ेगा मुल्क?