बकरीद से पहले स्वीडन से बड़ी खबर है। स्वीडन पुलिस ने एक शख्स को सेंट्रल स्टॉकहोम में स्थित मेन मस्जिद के पास कुरान जलाकर प्रदर्शन करने की इजाजत दे दी है। डेली मेल की खबर के मुताबिक, इस प्रदर्शन में सिर्फ दो लोगों के शामिल होने की उम्मीद है।
बताया जा रहा है कि जिस व्यक्ति को प्रदर्शन की इजाजत दी गई है, वह पहले से कुरान जलाने की योजना बना रहा था। वह स्वीडन की राजधानी में ईराकी दूतावास के बाहर कुरान जलाना चाहता था लेकिन पुलिस ने इसकी इजाजत नहीं दी थी। अब कोर्ट के फैसले के बाद उसे सेंट्रल स्टॉकहोम में स्थित मेन मस्जिद के पास प्रदर्शन की इजाजत दे दी गई है।
इससे पहले जनवरी में स्टॉकहोम में तुर्की दूतावास के पास एक डेनिश-स्वीडिश अति-दक्षिणपंथी चरमपंथी ने स्टॉकहोम में तुर्की के दूतावास के पास कुरान की एक अनुवादित कॉपी जलाकर प्रदर्शन किया था, जिससे तुर्की और अन्य मुस्लिम देशों में बवाल मच गया था। इस घटना के बाद तुर्की के राष्ट्रपति तैय्यप एर्दोगन ने NATO में स्वीडन की एंट्री का समर्थन न करने का ऐलान किया था। अब अगर स्वीडन में ऐसा एक और प्रदर्शन होता है तो तुर्की और मुस्लिम देशों की तरफ से आपत्ति आनी निश्चित है।
भड़क सकती है हिंसा?
स्वीडन पुलिस ने भले ही इस प्रदर्शन की इजाजत दे दी हो लेकिन आशंका जताई जा रही है कि अगर कुरान जताई गई तो अशांति फैल सकती है। पुलिस का कहना है कि उन्होंने व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरे स्वीडन से एक्स्ट्रा फोर्स बुलाई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बुधवार सुबह ही पुलिस की कई गाड़ियां मस्जिद के पास खड़ी नजर आईं।
स्वीडन के नेताओं ने की निंदा
स्वीडिश राजनेताओं ने कुरान जलाने की आलोचना की है, लेकिन अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार का भी दृढ़ता से बचाव किया है। स्वीडन ने कहा है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता उनके संविधान में का हिस्सा है।