विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान पर जोरदार हमला किया। उन्होंने कहा कि जिनके घर शीशे के बने हो वे दूसरों के घर पर पत्थर नहीं फेंका करते। सुषमा ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान के साथ दोस्ती के नए पैमाने बनाए। फिर चाहे वो शपथ ग्रहण का समय हो, काबुल से लाहौर उतरना हो, र्इद का मौका हो या क्रिकेट की जीत का समय। लेकिन बदले में भारत को पठानकोट, उरी हमला और जिंदा आतंकी बहादुर अली मिले। उन्होंने कहा कि भारत ने दोस्ती की लेकिन पाकिस्तान ने धोखा दिया। विदेश मंत्री ने हिंदी में भाषण दिया।
इससे पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने संवाददाताओं से कहा कि ‘पूरा विश्व और पूरा देश’ सुषमा स्वराज के संबोधन का इंतजार कर रहा है जो 71वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा के लिए भारत की ‘दृष्टि पत्र’ पेश करेंगी। आतंकवाद से मुकाबले को केंद्र में रखते हुए भारत पाकिस्तान को ‘आतंकवादी देश’ होने के लिए अलग थलग करेगा जिसने चार दिन पहले कश्मीर पर विस्तृत रूप से बात करने के लिए इस वैश्विक मंच का इस्तेमाल किया था।भारत ने गुरुवार (22 सितंबर) को पाकिस्तान पर सबसे करारा हमला करते हुए उसे ‘आतंकवाद की शरणस्थली’ तथा ऐसा ‘आतंकी देश’ करार दिया, जो आतंकवाद का इस्तेमाल सरकारी नीति के तौर पर करते हुए ‘युद्ध अपराधों’ को अंजाम देता है और ‘हाथों में बंदूक’ लेकर बातचीत की वकालत करता है।
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बलूचिस्तान में यातना की पराकाष्ठा।
सीमापार से आतंकवाद का जिंदा सबूत हमारे पास है।
पाकिस्तान कश्मीर का ख्वाब देखना बंद करे।
कश्मीर को छीनने का मंसूबा कभी कामयाब नहींं होगा।
कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा रहेगा।
मित्रता के बदले हमे क्या मिला, पठानकोट, उरी और बहादुर अली।
चाहे शपथ ग्रहण का समय हो, ईद हो या क्रिकेट की जीत हो। हमने दोस्ती निभाई।
EAM @SushmaSwaraj: What pre-conditions, Mr. PM? We have, infact, attempted a paradigm of friendship without precedent. pic.twitter.com/O8KMrYO709
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) September 26, 2016
हमने मित्रता का पैमाना खड़ा किया।
हम आतंकवाद को जड़ से उखाड़ना चाहते हैं।
पाकिस्तान के मानवाधिकार के उल्लंघन पर सुषमा का जवाब: जिनके घर शीशे के बने हो वे दूसरो पर पत्थर नहीं फेंका करते
आतंकवाद को संरक्षण देने वालों को अलग-थलग किया जाए।
सुषमा स्वराज का नाम लिए बिना पाकिस्तान पर हमला।
EAM @SushmaSwaraj: In our midst, there are nations that still speak the language of terrorism, that nurture it, peddle it, and export it pic.twitter.com/VUu7NGmVyv
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) September 26, 2016
आतंकवाद मानवता का सबसे बड़ा अपराधी हैं।
जिस किसी ने भी आतंक का बीज बोया है उसका कड़वा फल उसे ही खाना पड़ा है।
छोटे-छोटे आतंकी समूह राक्षस बन गए हैं।
आतंकवादियों को पनाह देने वालों की पहचान जरूरी ।
आतंकवाद मानवाधिकारों का सबसे बड़ा उल्लंघन है।
उन्होंने ढाका, इस्तांबुल, पठानकोट और उरी हमलों का जिक्र किया।
EAM @SushmaSwaraj at #UNGA लेकिन इस मित्रता के बदले में हमें मिला क्या – पठानकोट, बहादुर अली और उरी। pic.twitter.com/7T4P55U66l
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) September 26, 2016
सुषमा स्वराज ने आतंकवाद का मुद्दा उठाया।
महात्मा गांधी की जयंती पर हम पेरिस समझौते को अंगीकार कर लेंगे।
जलवायु परिवर्तन की दिशा में भारत अग्रणी भूमिका निभाएगा।
हमारे प्रधानमंत्री ने क्लाइमेट जस्टिस का सिद्धांत दिया है।
एजेंडा 2030 को सफल बनाने के लिए सबका सहयोग जरूरी है।
जलवायु परिवर्तन दुनिया के सामने बड़ी चुनौती है।
मेक इन इंडिया से युवाओं को रोजगार मिलेगा
भारत सरकार ने दो साल में चार लाख शौचालय बनाए हैं।
लैंंगिक समानता केे लिए भारत सरकार ने कई कदम उठाए हैं।
भारत सरकार ने जन धन योजना, डिजीटल योजना शुरू की।
दुनिया भर में फैली गरीबी हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती
एक साल में दुनिया में काफी बदलाव लाया है
गरीबी और असमानता पर चर्चा करना जरूरी
सु षमा स्वराज हिंदी में भाषण दे रहींं हैं।