पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के चार सूत्री प्रस्ताव का जवाब देते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संयुक्त राष्ट्र में कहा कि बातचीत के लिए एक सूत्र ही काफी है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद छोड़ दे तो हम किसी भी मुद्दे पर बातचीत के लिए तैयार हैं।
उन्होंने कहा कि 2008 में मुंबई हमले से पूरा विश्व आक्रोशित हुआ। इसमें विदेशी नागरिक भी मारे गए। अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए यह अपमान की बात है कि हमले के जिम्मेदार आतंकी खुलेआम घूम रहे हैं। भारत में हमले अब भी जारी हैं। उन्होंने हाल ही में जिंदा पकड़े गए दो आतंकियों का जिक्र भी किया।
उन्होंने कहा कि आतंकवाद को अच्छे या बुरे में नहीं देखा जा सकता। भारत पिछले 25 साल से आतंकवाद के खतरे का सामना कर रहा है।
आतंकवादी विचारधाराओं का विस्तार हुआ। दुख है कि आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले राष्ट्रों को उचित जवाब नहीं दिया गया। जो राष्ट्र आतंकियों को सुरक्षित ठिकाने और हथियार देते हैं, उनके खिलाफ विश्व समुदाय को खड़ा होना होगा, लेकिन हम आतंकवाद की परिभाषा तय करने में उलझे हैं।