Nepal News: नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने आज सिंह दरबार में अपना कार्यभार संभाल लिया और राजनीतिक उथल-पुथल और विपक्ष की लगातार आलोचनाओं के बीच एक महत्वपूर्ण भूमिका में आ गईं। कार्की सुबह 11 बजे अपने नए कार्यालय पहुंचीं। पदभार ग्रहण करने के साथ ही उन्होंने मुख्य सचिव और सभी मंत्रालयों के सचिवों की एक बैठक बुलाई है। इसी बीच, चीन ने भी सुशीला कार्की की नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्ति का स्वागत किया है।
चीनी विदेश मंत्रालय ने चीन-नेपाल संबंधों को सदाबहार मित्रता बताया। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “चीन मैडम सुशीला कार्की को नेपाल की अंतरिम सरकार की प्रधानमंत्री बनने पर बधाई देता है।” प्रिटोरिया में मौजूद चीनी दूतावास की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, “चीन और नेपाल के बीच सदियों पुरानी मित्रता है। चीन हमेशा की तरह नेपाल के लोगों द्वारा स्वतंत्र रूप से चुने गए विकास पथ का सम्मान करता है। हम शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के पांच सिद्धांतों को बढ़ावा देने और द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए नेपाल के साथ मिलकर काम करने को तैयार हैं।”
अब नेपाल में कैसे हैं हालात?
छह दिनों की भारी उथल-पुथल के बाद काठमांडू के ज्यादातर इलाकों से कर्फ्यू हटा लिया गया है, सार्वजनिक परिवहन बहाल हो गया है और भारत-नेपाल सीमा पर आवाजाही बहाल हो गई है। हालांकि, छह इलाकों में कर्फ्यू अभी भी लागू है और सभाओं, विरोध प्रदर्शनों, भूख हड़तालों और जुलूसों पर दो महीने तक प्रतिबंध लागू रहेंगे।
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बता दें कि सोमवार को नेपाल की राजधानी काठमांडू में जेन-जेड पीढ़ी ने सोशल मीडिया पर लगे प्रतिबंध के खिलाफ विरोध शुरू किया। यह विरोध धीरे-धीरे देश के दूसरे हिस्सों में भी फैल गया। सरकार ने बाद में सोशल मीडिया पर से प्रतिबंध हटा लिया, लेकिन युवाओं ने प्रदर्शन जारी रखा। कुछ समय बाद ये प्रदर्शन हिंसक हो गए।
हिंसा में 50 से ज्यादा लोगों की जान चली गई। संसद भवन में आग लगा दी गई और कुछ नेताओं पर हमले भी हुए। हालात बहुत बिगड़ने पर प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। मंगलवार की शाम (9 सितंबर) को नेपाल की सेना ने सुरक्षा की कमान संभाली और कानून-व्यवस्था बहाल की। अब देश की कमान पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की के हाथों में है।
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