NASA Astronaut Sunita Williams Birthday: सुनीता विलियम्स नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है। भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री लाखों भारतीय लोगों के लिए प्रेरणा रही हैं। वह पिछले कुछ दिनों से अंतरिक्ष में ही अटकी हुई हैं। इस बीच, 19 सितंबर को सुनीता विलियम्स ने इंटरनेशल स्पेस स्टेशन में ही अपना जन्मदिन मनाया। ज्यादातर लोग अपना जन्मदिन केक और मोमबत्तियों के साथ मनाते हैं, लेकिन सुनीता विलियम्स ने अपना 59वां जन्मदिन इंटरनेशल स्पेस स्टेशन (ISS) पर ट्रैंक्विलिटी मॉड्यूल में मौजूद वेस्ट और हाईजीन कंपार्टमेंट फिल्टर को बदल कर मनाया। आम भाषा में इसे स्पेस के बाथरूम के तौर पर जाना जाता है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 19 सितंबर को विलियम्स ने अपना खास दिन कुछ जरूरी कामों में गुजार दिया। उन्होंने नासा के साथी अंतरिक्ष यात्री डॉन पेटिट के साथ मिलकर स्टेशन के लाइफ सपोर्ट सिस्टम को बनाए रखने पर भी ध्यान दिया। इसके अलावा सुनीता विलियम्स ने विज्ञान से जुड़ी पढ़ाई भी। रखरखाव काम के अलावा, विलियम्स ने अंतरिक्ष यात्री बैरी विल्मोर और फ्रैंक रुबियो के साथ ह्यूस्टन में मिशन कंट्रोल सेंटर में फ्लाइट निदेशकों के साथ एक कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लिया।

बता दें कि सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर फिलहाल बोइंग के स्टारलाइनर में तकनीकी समस्याओं की वजह से इंटरनेशल स्पेस स्टेशन में फंसे हुए हैं। सुनीता और विल्मोर की धरती पर वापसी फरवरी 2025 तक संभव है।

अंतरिक्ष से सुनीता विलियम्स ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस, धरती पर वापसी को लेकर दिया बड़ा बयान

कौन हैं सुनीता विलियम्स

सुनीता विलियम्स 19 सितंबर, 1965 को यूक्लिड ओहियो में जन्मी थी। उनके पिता दीपक पांड्या मूल रूप से गुजरात के मेहसाणा जिले के एक न्यूरोएनाटोमिस्ट थे, जबकि उनकी मां उर्सुलाइन बोनी पांड्या स्लोवेनियाई-अमेरिकी मूल की थीं। विलियम्स ने 1983 में नीधम हाई स्कूल से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। इसके बाद 1995 में फ्लोरिडा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग मैनेजमेंट में मॉस्टर ऑफ साइंस की।

सुनीता विलियम्स ने स्पेस की यात्रा कब से शुरू की

अब बात सुनीता विलियम्स की अंतरिक्ष की यात्रा की करें तो वह पहली बार 9 दिसंबर 2006 को गईं और करीब 22 जून 2007 को वापस आईं। सुनीता विलियम्स ने एक फ्लाइट इंजीनियर के रूप में काम किया। इसी मिशन के दौरान उन्होंने चार बार स्पेसवॉक करके इतिहास रच दिया। उन्होंने अंतरिक्ष यान के बाहर कुल 29 घंटे और 17 मिनट बिताए। अब वहीं दूसरे मिशन की बात करें तो यह 14 जुलाई 2012 को शुरू हुआ और 18 नवंबर 2012 तक चला।