श्रीलंकाई नौसेना ने अपने जलक्षेत्र में कथित तौर पर मछली पकड़ने पर 54 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया है। यह घटना मछुआरों के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए श्रीलंकाई प्रतिनिधिमंडल के भारत दौरे से कुछ दिन पहले हुई है।

श्रीलंका की नौसेना के प्रवक्ता कमांडर इंडिका सिल्वा ने बताया कि बीती रात कांकेसंतुरई में 21 मछुआरे गिरफ्तार किए गए और पांच नौकाएं जब्त की गईं, वहीं तलाईमन्नार में 33 मछुआरों को गिरफ्तार किया गया और पांच नौकाएं जब्त की गईं।

सिल्वा ने बताया कि उन्हें आगे की कार्रवाई के लिए संबंधित मत्स्य निरीक्षण कार्यालयों में लाया जा रहा है। श्रीलंका ने हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के मद्देनजर सद्भावना के तौर पर 86 भारतीय मछुआरों को रिहा किया था।

कल की गिरफ्तारियां ऐसे समय हुई हैं जब मछुआरों के मुद्दे, समुद्री सीमा और एक-दूसरे के जलक्षेत्र के उल्लंघन जैसे मुद्दों पर चर्चा करने के लिए इस हफ्ते श्रीलंकाई प्रतिनिधिमंडल भारत जा रहा है। श्रीलंका और भारत के मछुआरा संगठनों के बीच 24 और 25 मार्च को चेन्नई में बातचीत होनी है।

यह तीसरी बार है जब दोनों देशों के मछुआरा संगठन पाक जलडमरूमध्य और पाक खाड़ी में मछली पकड़ने के मुद्दे पर कोई समाधान ढूंढ़ने के लिए मिल रहे हैं। श्रीलंका और भारतीय मछुआरा संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच पूर्व में चेन्नई में 27 जनवरी 2014 और कोलंबो में 12 मई 2014 को बैठक हुई थीं जिनमें दोनों देशों के बीच समुद्र में संसाधनों को साझा करने के लिए कोई समाधान ढूंढ़ने पर चर्चा हुई थी।

श्रीलंकाई मछुआरों का कहना है कि भारतीय मछुआरों का श्रीलंका के जलक्षेत्र में घुसना और मछली पकड़ने के लिए घातक तरीका अपनाना स्वीकार्य नहीं है। हालांकि भारतीय मछुआरों और तमिलनाडु सरकार का मानना है कि कच्चातीवू द्वीप और पाक खाड़ी मछली पकड़ने की उनकी परंपरागत जगह हैं जिसे श्रीलंकाई मछुआरों को साझा करना चाहिए।

मोदी ने श्रीलंका यात्रा के दौरान श्रीलंकाई राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना से मछुआरों के मुद्दे पर चर्चा की थी और वे इस बात पर सहमत हुए थे कि जटिल मुद्दा दोनों ओर आजीविका और मानवीय चिंताओं से जुड़ा है तथा उसी नजरिए से निपटा जाना चाहिए।

हाल में श्रीलंकाई प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने कहा था कि श्रीलंका को घुसपैठियों को गोली मारने का अधिकार है। इस बात से भारत में राजनीतिक रोष पैदा हो गया था।