दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल को बड़ी राहत मिली है। उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाया गया था, जो असफल हो गया है। विपक्ष को तीन वोटों की कमी खली। बता दें कि मार्शल लॉ की घोषणा के बाद राष्ट्रपति योल के खिलाफ महाभियोग चलाने के प्रस्ताव की मंजूरी के लिए विपक्षी सांसदों को 200 वोटों की जरूरत थी। लेकिन उसके पक्ष में 197 वोट ही पड़े।
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति की कम नहीं होने वाली मुसीबतें
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति अभी भी अपने पद पर बने रहेंगे। हालांकि उनकी मुसीबतें कम नहीं होने वाली है। विपक्षी नेताओं का मानना है कि वह महाभियोग चलाएंगे। साउथ कोरिया के विपक्षी नेता ली मयांग ने देश के राष्ट्रपति को कोरिया के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया है। इस बीच मुख्य विपक्षी दल डेमोक्रेटिक पार्टी ने कहा है कि वह अगले शनिवार को महाभियोग प्रस्ताव पर मतदान करेगी।
विपक्षी पार्टी को उम्मीद है कि प्रदर्शनकारियों की संख्या में भी वृद्धि होगी, जिससे सत्तारूढ़ राष्ट्रपति की पीपुल पावर पार्टी पर दबाव बढ़ेगा। विपक्षी सांसदों ने कहा कि उन्हें सदन में बहुमत साबित करने के लिए केवल आठ सांसदों की जरूरत है।
दक्षिण कोरिया में राष्ट्रपति के खिलाफ ही खड़ा हो गया सत्ताधारी दल, यून को बताया देश के लिए खतरा
दक्षिण कोरिया में बीते मंगलवार को मार्शल लॉ लगाया गया था। दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल ने कहा था कि विपक्ष उत्तर कोरिया के साथ खड़ा है, ऐसे में देश की सुरक्षा सबसे जरूरी हो जाती है। राष्ट्रपति यून सुक योल ने मंगलवार को देश के नाम एक संबोधन दिया और उन्होंने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा था। उनकी तरफ से कहा गया कि देश का विपक्ष अब उत्तर कोरिया के साथ मिल चुका है और वो उसके प्रति सहानुभूति दिखाने लगा है।
मार्शल लॉ क्या होता है?
मार्शल लॉ किसी भी देश में सरकार द्वारा घोषित एक न्यायिक व्यवस्था होती है। इसमें सैन्य बलों को एक क्षेत्र पर शासन और नियंत्रण करने का अधिकार दिया जाता है। यह जरूरी नहीं होता कि मार्शल लॉ पूरे देश में ही लागू हो। इसे देश के किसी भी छोटे हिस्से में लगाया जा सकता है और इसे ही सैनिक कानून कहा जाता है। पढ़ें मार्शल लॉ का मतलब क्या होता है?