दक्षिण कोरिया में राष्ट्रपति यून सुक-योल ने अप्रत्याशित फैसला लेते हुए मंगलवार को मार्शल लॉ लगाने का ऐलान किया था। जिसके बाद सड़कों पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए और डेमोक्रेटिक पार्टी ने संसद में इस मार्शल लॉ के खिलाफ एक बिल पारित कर दिया। विरोध के बीच राष्ट्रपति यून सुक-योल (Yoon Suk Yeol) ने मार्शल लॉ का आदेश हटा लिया है।
राष्ट्रपति ने मंगलवार देर रात मार्शल लॉ की घोषणा करते हुए कहा था कि देश को उत्तर कोरिया की कम्युनिस्ट ताकतों से बचाने और राज्य विरोधी तत्वों को खत्म करने के लिए इसकी जरूरत है। हालांकि, उनके मार्शल लॉ की घोषणा के कुछ घंटों बाद ही सांसद राष्ट्रपति के आदेश की अवहेलना करते हुए नेशनल असेंबली में इकट्ठा हुए और मार्शल लॉ को हटाने के पक्ष में मतदान किया।
दक्षिण कोरिया की मुख्य विपक्षी पार्टी ने बुधवार को राष्ट्रपति यून सुक येओल से आग्रह किया कि वह इस्तीफा दे दें नहीं तो उन्हें महाभियोग का सामना करना होगा। यून ने विपक्ष की मांग पर तत्काल कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन उनके कार्यालय ने कहा कि यून के वरिष्ठ सलाहकारों और सचिवों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा देने की पेशकश की है और राष्ट्रपति ने बुधवार सुबह का अपना आधिकारिक कार्यक्रम भी स्थगित कर दिया है।
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रीय प्रसारक और न्यूज एजेंसी केबीएस के अनुसार, बुधवार सुबह तक यून के कई वरिष्ठ सहयोगियों, जिनमें उनके चीफ ऑफ स्टाफ भी शामिल थे, ने सामूहिक रूप से अपना इस्तीफा दे दिया था।
What is Martial Law: दक्षिण कोरिया में लागू मार्शल लॉ, इसका मतलब क्या होता है, कब लगाया जाता है?
राष्ट्रपति द्वारा लागू ‘मार्शल लॉ’ केवल कुछ घंटों तक ही प्रभावी रहा
मंगलवार रात यून ने अचानक ‘मार्शल लॉ’ लागू कर दिया हालांकि, राष्ट्रपति द्वारा लागू ‘मार्शल लॉ’ केवल कुछ घंटों तक ही प्रभावी रहा क्योंकि ‘नेशनल असेंबली’ ने राष्ट्रपति के फैसले को खारिज करने के पक्ष में मतदान किया। कैबिनेट की बैठक के दौरान सुबह साढ़े चार बजे के आसपास मार्शल लॉ को औपचारिक रूप से हटा दिया गया।
राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग
विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी 300 सीट वाली संसद में बहुमत रखती है। पार्टी ने बुधवार को कहा कि उसके सांसदों ने यून से तत्काल पद छोड़ने को कहा है अन्यथा वे उनके खिलाफ महाभियोग चलाने के लिए कदम उठाएंगे। डेमोक्रेटिक पार्टी ने एक बयान में कहा, ‘‘राष्ट्रपति यून सुक येओल की ‘मार्शल लॉ’ की घोषणा संविधान का स्पष्ट उल्लंघन है। इसे घोषित करने के लिए किसी भी आवश्यक नियम का पालन नहीं किया गया।’’
बयान में कहा गया, ‘‘उनकी ‘मार्शल लॉ’ की घोषणा मूल रूप से अमान्य है और संविधान का गंभीर उल्लंघन है। यह विद्रोह का एक गंभीर कृत्य था और उनके खिलाफ महाभियोग के लिए एकदम सही आधार प्रदान करता है।’’ हालांकि, राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने के लिए संसद के दो-तिहाई या 300 में से 200 सदस्यों के समर्थन की आवश्यकता होगी।
नेशनल असेंबली के अधिकारियों के अनुसार, डेमोक्रेटिक पार्टी और अन्य छोटे विपक्षी दलों के पास कुल 192 सीट हैं लेकिन जब संसद ने 190-0 वोट से यून के ‘मार्शल लॉ’ की घोषणा को खारिज कर दिया, तो यून की सत्तारूढ़ ‘पीपुल्स पावर पार्टी’ के लगभग 10 सांसदों ने भी विपक्ष का समर्थन करते हुए मतदान किया। अगर यून पर महाभियोग चलाया जाता है, तो संवैधानिक न्यायालय द्वारा फैसला सुनाए जाने तक उनकी संवैधानिक शक्तियां छीन ली जाएंगी। दक्षिण कोरियाई सरकार में दूसरे नंबर के पद पर काबिज प्रधानमंत्री हान डक-सू, राष्ट्रपति पद की जिम्मेदारियां संभालेंगे। पढ़ें- South Korea Martial Law: तस्वीरों में देखें मार्शल लॉ लगने के बाद दक्षिण कोरिया में कैसे हालात
(एपी के इनपुट के साथ)